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रामनगर (कर्नाटक), 7 जुलाई। रांबापुरी पीठ के संत राजदेशीकेंद्र शिवाचार्य ने कहा कि कर्नाटक में 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की शानदार जीत के बाद उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार को और अधिक प्रमुख भूमिका मिलनी चाहिए थी।
वहीं, शिवकुमार ने संयमित रुख अपनाते हुए कहा कि वह पार्टी कार्यकर्ताओं और संतों की इच्छाओं का सम्मान करते हैं लेकिन वह कांग्रेस आलाकमान के निर्णय का पालन करेंगे। शिवकुमार कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी हैं।
राजनीतिक हलकों, विशेष रूप से सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर कुछ समय से इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस वर्ष के अंत में मुख्यमंत्री पद में बदलाव हो सकता है। इसका कारण मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार के बीच हुए कथित सत्ता साझाकरण समझौते को बताया जा रहा है।
रविवार को कनकपुरा तालुक में सिद्धेश्वरस्वामी पहाड़ियों पर नव-निर्मित सीढ़ियों के उद्घाटन कार्यक्रम में संत ने शिवकुमार की संगठनात्मक क्षमताओं और कर्नाटक में कांग्रेस को सत्ता में लाने में उनकी भूमिका की सराहना की।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (शिवकुमार को) पिछले विधानसभा चुनावों के बाद और ऊंचा पद मिलना चाहिए था। ईश्वर करें कि आने वाले दिनों में उन्हें और बड़ा पद प्राप्त हो।’’
राजदेशीकेंद्र शिवाचार्य ने यह भी कहा कि नेतृत्व को लेकर कांग्रेस के भीतर क्या आंतरिक समझौता हुआ था, इसकी जानकारी केवल राष्ट्रीय नेतृत्व, मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और शिवकुमार को ही है।
उन्होंने कहा, ‘‘नेताओं को अपने वचन का सम्मान करना चाहिए। अगर चुनाव से पहले कोई समझौता हुआ था तो उसका पालन होना चाहिए। बिना उस वादे को पूरा किए शिवकुमार से कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष पद छोड़ने को कहना सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है।’’
शिवकुमार ने इसके जवाब में कनकपुरा के कोडिहल्ली स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से कहा कि वह जनता और संतों की भावनाओं का सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी कार्यकर्ताओं, संतों या आम जनता द्वारा अपनी इच्छाएं व्यक्त करना गलत नहीं है लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हमसे इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से बोलने से मना किया है। हम पार्टी के फैसले का पालन करेंगे।’’
नेतृत्व को लेकर संत शिवाचार्य के समर्थन और किसी संभावित समझौते के बारे में पूछे जाने पर उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं इस बारे में खुलकर क्यों बात करूं? यह मेरे और पार्टी के बीच का मामला है। हम सभी मिलकर काम कर रहे हैं।’’
मई 2023 में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्दरमैया और शिवकुमार के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी। कांग्रेस ने किसी तरह शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनने के लिए राजी कर लिया था।
उस समय यह भी खबरें थीं कि ‘‘बारी-बारी से मुख्यमंत्री’’ बनने को लेकर एक समझौते पर सहमति बनी है, जिसके तहत शिवकुमार को ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हालांकि, पार्टी की ओर से इस समझौते की आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुई है। (भाषा)