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बिहार में चुनाव आयोग के वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न को लेकर हो रहे विवाद पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने प्रतिक्रिया दी है.
चिराग पासवान ने कहा है, “यह एक गंभीर प्रक्रिया है, जिसका समय-समय पर पालन किया जाता है. कई बार देखा गया है कि कई लोगों की मौत दशकों पहले हो गई है लेकिन उनके नाम का वोटर कार्ड बना रहता है. ऐसे में सही में जिनका हक़ बनता है वो अपने हक़ से वंचित रह जाते हैं.”
बीती 24 जून को चुनाव आयोग ने बिहार में एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न, एसआईआर) करने की घोषणा की थी.
चुनाव आयोग ने इसके तहत जन्म तिथि और जन्म स्थान से संबंधित जिन 11 मान्य दस्तावेज़ों की सूची दी है उनमें आधार कार्ड, राशन कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस मान्य नहीं हैं.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग का एसआईआर "भ्रम, अनिश्चितता और दमन" से भरा हुआ है. उन्होंने इसे "लोकतंत्र की नींव पर हमला" कहा है.
तेजस्वी यादव ने कहा, "बिहार के आठ करोड़ मतदाताओं में से 59 फ़ीसदी 40 साल या उससे कम उम्र के हैं. इसका मतलब है कि चार करोड़ 76 लाख लोगों को अपनी नागरिकता साबित करनी होगी." (bbc.com/hindi)