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नयी दिल्ली, 3 जुलाई। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन वाले राज्यों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध के मामले बढ़े हैं, लेकिन इसे रोकने में सरकारों का रवैया शर्मनाक है।
पार्टी के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष राजेंद्र पाल गौतम ने यह भी कहा कि अनुसूचित जाति आयोग का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए और सभी राज्य सरकारें जातिगत उत्पीड़न के मामलों को गंभीरता से लें, ताकि लोगों को न्याय मिल सके।
गौतम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं। खासकर भाजपा शासित राज्यों में बुरा हाल है और इन घटनाओं पर सरकार का रवैया बहुत ही गैर-जिम्मेदाराना नजर आता है।’’
उनके अनुसार, सरकार ने खुद संसद में एससी-एसटी के खिलाफ अपराध की घटनाएं बताई हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हरियाणा में 2017 में उत्पीड़न की 762 घटनाएं हुईं, जो बढ़कर 2021 तक 1,628 हो गईं । मध्य प्रदेश में ये घटनाएं एक साल में 5,892 से बढ़कर 7,214 तक पहुंच गई हैं।"
उनका कहना था, ‘‘महाराष्ट्र में ऐसी घटनाएं एक साल में 1,689 से बढ़कर 2,503 हो गईं। ओडिशा में 1,669 से बढ़कर 2,327 हो गईं। राजस्थान में 4,238 घटनाएं एक साल में बढ़कर 7,224 हो गईं। उत्तर प्रदेश में 11,444 घटनाएं एक साल में बढ़कर 13,144 हो गईं। उत्तराखंड में 96 का आंकड़ा एक साल में बढ़कर 130 हो गया है।’’
पार्टी के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष गौतम ने कहा कि ऐसी घटनाओं के बावजूद सरकारों का रवैया शर्मनाक है।
गौतम ने कहा, ‘‘2018-2021 के बीच का आंकड़ा देखें तो एससी एसटी के खिलाफ अपराध की घटनाओं में करीब 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘जातिगत उत्पीड़न के मामलों में कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि समाज में ऐसी घटनाएं न हों और ऐसे अपराध को अंजाम देने वालों में डर हो।’’ (भाषा)