ताजा खबर

नयी दिल्ली, 3 जुलाई। देश भर के उन विभिन्न हिस्सों में जहां बाढ़ की स्थिति बनी हुई है बृहस्पतिवार को हालात में मामूली सुधार हुआ और 10 नदी निगरानी केंद्रों पर जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर दर्ज किया गया, जबकि एक दिन पहले ऐसे 12 केंद्रों पर जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर था। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के दैनिक बाढ़ पूर्वानुमान बुलेटिन में यह जानकारी दी गई।
कोई भी जगह ‘गंभीर’ या ‘उच्चतम’ बाढ़ की स्थिति वाली श्रेणी में नहीं है। हालांकि, इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, ओडिशा और तमिलनाडु जैसे राज्यों में कई नदियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, जहां नदियां खतरे के निशान से उपर बह रहीं हैं।
इससे पहले बुधवार को 12 नदी निगरानी केंद्रों को बाढ़ की स्थिति के लिए चिह्नित किया गया।
यह संख्या बृहस्पतिवार तक घटकर 10 रह गई और कुछ नदियों का जलस्तर घट गया, जिससे बाढ़ के खतरे से थोड़ी राहत मिलने का संकेत है।
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में गंगा नदी का जलस्तर कुछ कम हुआ, हालांकि इसका वर्तमान स्तर 137.09 मीटर दर्ज किया गया, जो इसके चेतावनी स्तर 136.6 मीटर से अधिक है। उत्तर प्रदेश के ही एल्गिनब्रिज में घाघरा नदी खतरे के स्तर 105.28 मीटर के करीब पहुंच गई है।
इसमें कहा गया कि बृहस्पतिवार को 24 स्थलों के लिए अंतर्वाह जलप्रवाह पूर्वानुमान जारी किए गए। झारखंड में मैथन, कर्नाटक में कृष्णराजसागर और अपर तुंगा जैसी प्रमुख जलाशयों में उच्च अंतर्वाह का पूर्वानुमान है। (भाषा)