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मार्च चार तारीख से भारत में महिला प्रीमियर लीग की शुरुआत होने जा रही है. आईपीएल के चेयरमैन अरुण धूमल ने बताया है कि 4 मार्च से 26 मार्च के बीच मुंबई में महिला प्रीमियर लीग के मैच खेले जाएंगे.
महिला प्रीमियर लीग का पहला मैच मुंबई और गुजरात की टीम के बीच खेला जा रहा है.
भारत में पुरुष आईपीएल यानी इंडियन प्रीमियर लीग की काफ़ी लोकप्रियता है और अब महिला प्रीमियर लीग में भी फ़्रेंचाइज़ी की रुचि से उत्सुकता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. हालांकि आंशिक रूप से साल 2018 से बीसीसीआई 'महिला टी-20 चैलेंज' का आयोजन करती रही है.
'महिला टी-20 चैलेंज' का पिछला संस्करण साल 2020 में आयोजित हुआ था.
बीसीसीआई ने तीन टीमों के बीच 'महिला टी-20 चैलेंज' का आयोजन पहले किया है. इन तीनों टीमों के नाम हैं 'आईपीएल सुपरनोवा', 'आईपीएल ट्रेलब्लेज़र्स' और 'आईपीएल वेलोसिटी'.
डब्ल्यूपीएल में होंगी ये टीमें
WPL यानी महिला प्रीमियर लीग में पांच अलग-अलग फ़्रेंचाइज़ी ने कुल 4669 करोड़ की बोली लगाई है. अदानी स्पोर्ट्सलाइन प्राइवेट लिमिटेड ने सबसे महंगी टीम अहमदाबाद को 1289 करोड़ रुपये में ख़रीदा है.
इसके अलावा इंडियाविन स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने मुंबई को 912.99 करोड़ रुपये में ख़रीदा है और रॉयल चैलेजर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने बेंगलुरु को 901 करोड़ रुपये में ख़रीदा है.
वहीं 900 करोड़ से भी कम क़ीमत पर दिल्ली और लखनऊ की टीम को ख़रीदा गया. जेएसडब्लू जीएमआर क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड ने दिल्ली को 810 करोड़ और कैप्री ग्लोबल होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड ने लखनऊ को 757 करोड़ में ख़रीदा है.
13 फ़रवरी को टीम के खिलाड़ियों की नीलामी की जाएगी. हर एक फ़्रेंचाइज़ी को खिलाड़ियों की नीलामी के लिए 12 करोड़ की राशि खर्च करने की अनुमति होगी, इस राशि में 15 से 18 खिलाड़ियों को ख़रीदा जा सकेगा जिसमें छह विदेशी ख़िलाड़ी हो सकती हैं.
इस लीग के मीडिया राइटर्स भी इसी साल जनवरी में वायोकॉम 18 को बेच दिए गए थे. अगले 5 साल के लिए वायोकॉम 18 ने 951 करोड़ रुपये में महिला प्रीमियर लीग के मीडिया अधिकार को ख़रीदा है.
महिला 'आईपीएल' की कमान किसके पास है ?
महिला प्रीमियर लीग का संचालन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा किया जाएगा और इसका मालिकाना हक़ भी बोर्ड के पास होगा.
पहले पांच सालों में बीसीसीआई फ़्रेंचाइज़ी मालिकों को मैचों से होने वाले मुनाफ़े का 80 प्रतिशत हिस्सा देगी. लेकिन उसके बाद के पांच सीज़न में मुनाफ़े का 60 प्रतिशत हिस्सा साझा किया जाएगा.
इसके बाद सीज़न 11वें से 15वें के बीच कमाई के लाभ का 50 प्रतिशत हिस्सा फ़्रेंचाइज़ी से साझा किया जाएगा. इसके अलावा फ़्रेंचाइज़ी मर्चेंडाइज़, टिकट बिक्री और विज्ञापन के ज़रिये भी मुनाफ़ा कमा सकती हैं.
क्यों ख़ास है ये लीग
भारत में महिला क्रिकेट 1976 से खेला जा रहा है. पहला टेस्ट मैच भारत (महिला टीम) ने 1976 में खेला था. इसके बाद 1978 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम को वर्ल्ड कप खेलने का मौका मिला.
ये वर्ल्ड का दूसरा संस्करण था जिसकी मेज़बानी भारत कर रहा था. ऐसे में अब भारत में महिलाओं की क्रिकेट लीग को लेकर लोगों में ख़ासा उत्साह है.
इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत साल 2007 में हुई थी. लेकिन अब तक महिलाओं के लिए ऐसी लीग की शुरुआत नहीं हो सकी थी.
भारतीय महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर की ट्वीट से महिला प्रीमियर लीग के मायने समझ में आते हैं. वो कहती हैं, "WPL भारत में महिला क्रिकेट के लिए सिर्फ़ गेम चेंजर नहीं है, बल्कि एक क्रांति है."
इसके साथ ही हरमनप्रीत कहती हैं कि भारतीय महिला क्रिकेट के लिए रोमांचक समय आने वाला है.
महिला प्रीमियर लीग को लेकर अहमदाबाद फ़्रेंचाइज़ी अदानी स्पोर्ट्सलाइन प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख सत्यम त्रिवेदी कहते हैं, "हम इसे लेकर उत्सुक हैं, ये काफ़ी अच्छी शुरुआत है."
वो आगे कहते हैं, "ये लीग बाक़ी के कई देशों को महिला क्रिकेट को लेकर प्रोत्साहित करेगा."
महिला प्रीमियर लीग को लेकर जेएसडब्लू जीएमआर क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ी आईपीएल दिल्ली टीम के मालिक पार्थ जिंदल ने उत्साह दिखाया है.
वो कहते हैं कि, "हमने सभी उम्र की लड़कियों और महिलाओं के बीच रुचि और प्रतिभा की मात्रा देखी है और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि WPL उन भावी महिला क्रिकेटरों को मंच देगा जो अपना कौशल दिखाने के लायक हैं."
वहीं लखनऊ की फ़्रेंचाइज़ी कैप्री ग्लोबल होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड ने इस क़दम को ऐतिहासिक बताया है.
फ़्रेंचाइज़ी का मानना है कि महिला लीग की शुरुआत महिला उत्थान की ओर एक क़दम है. भारत में अब तक महिलाओं को कॉमनवेल्थ और ओलंपिक के खेलों से पहचान मिलती आई है. लेकिन हाल के वर्षों में महिला क्रिकेट को लेकर भी दर्शकों में उत्सुकता बढ़ी है.
महिला प्रीमियर लीग के माध्यम से क्रिकेट के प्रदर्शन का एक नया मंच तैयार होगा जिससे युवा खिलाड़ियों को ज़्यादा मौके मिलने की उम्मीद है.
नए खिलाड़ियों को इस लीग के ज़रिेए पहचान मिलने और महिला क्रिकेट को पुरुष किक्रेट के बराबर लाने की कोशिश होगी.
कितनी बराबरी और कितनी ग़ैर-बराबरी
15 साल पहले साल 2008 में आईपीएल के लिए आठ टीमों के लिए बोली लगी थी. आज भी आईपीएल दुनिया की सबसे ज़्यादा देखी जाने वाली लीग है.
सिडनी मॉर्निग हेराल्ड के मुताबिक़, आईपीएल दुनिया की सबसे ज़्यादा देखी जाने वाली क्रिकेट लीग है.
लेकिन अब आईपीएल के बाद वीमेंस प्रीमियर लीग दुनिया की दूसरी सबसे महंगी क्रिकेट लीग बन चुकी है.
ये लीग महिला ख़िलाडियों को पुरुष खिलाड़ियों के बराबर लाने में अहम भूमिका निभा सकती है.
साल 2022 में महिला क्रिकेट ख़िलाड़ियों को पुरुष क्रिकेट ख़िलाड़ियों के बराबर फ़ीस देने की बात कही गई थी.
हालांकि ग्रेड ए के पुरुष ख़िलाड़ी और महिला ख़िलाड़ी के कॉन्ट्रैक्ट काफ़ी भेदभावपूर्ण लगते हैं. फ़िलहाल ग्रेड ए के पुरुष ख़िलाड़ी को सालाना 7 करोड़ रुपये का अनुबंध दिया जाता है जबकि महिला ख़िलाड़ी को सिर्फ़ 50 लाख का अनुबंध दिया जाता है. (bbc.com/hindi)