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अधिकारहीन निजी विवि आयोग ने भी फीस तय की
रायपुर, 4 जुलाई। सीबीआई के घेरे में आने के बाद रावतपुरा सरकार के शैक्षणिक संस्थानों में किए जा रहे अन्य फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं। इस संस्थान के द्वारा अन्य व्यावसायिक डिप्लोमा कोर्स की फीस वसूली में भी बडी गड़बड़ियां की जा रही है। इसके लिए सरकारी नियामकों ने भी जनहित को दरकिनार कर इनकी अवैध वसूली को मान्यता देने से गुरेज नहीं किया। इसका खामियाजा छात्रों और उनके अभिभावकों को लाखों भुगतान कर, भुगतना पड़ रहा है।
रावतपुरा सरकार के संस्थानों के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की फीस ऐसे सरकारी समिति ने तय की जिसे इसका अधिकार ही नहीं है। डी फार्मा,बी फार्मा और एम फार्मा कोर्स के लिए के फीस तय करने की उचित और वैधानिक संस्था सन 2008 से राज्य में स्थापित है। प्रवेश तथा फीस विनियामक समिति यही एक वैधानिक समिति है, जो राज्य के सभी व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को संचालित करने वाली संस्थाओं के फीस तय करती है,इसी समिति के आदेश से तय हुई फीस के आधार पर राज्य शासन आदेश निकालती है, यहां तक कि छात्रवृत्ति की राशि भी तय करती है, लेकिन रावतपुरा संस्थान के ऊंची पहुंच के कारण इस संस्थान की फीस दो अलग अलग विभाग तय कर रही है, और यह विश्वविद्यालय विद्यार्थियों से मोटी रकम वसूल रही है।इस संस्था ने गुपचुप तरीके से निजि विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के पत्र क्रमांकः 10113/विविध/171/2019/20782 नवा रायपुर, 20/09/2024 के द्वारा गलत तरीके से सालाना 1,20,000/ रुपये निजि विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा तय कराया गया है, जबकि इस आयोग को 2008 के बाद से व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की फीस तय करने का अधिकार ही नहीं है।