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कांग्रेस का अध्यक्ष कौन होगा बेस्ट, प्रशांत किशोर ने बताया -BBC EXCLUSIVE
30-Apr-2022 8:18 AM
कांग्रेस का अध्यक्ष कौन होगा बेस्ट, प्रशांत किशोर ने बताया -BBC EXCLUSIVE

-सरोज सिंह

चुनाव रणनीतिकार का चोला उतारकर नेता के अवतार में आने को आतुर प्रशांत किशोर का कहना है कि मजबूत कांग्रेस देश के हित में है. हालांकि, कांग्रेस की कमान किसके हाथ में हो, इस पर उनकी राय 'लोकप्रिय धारणा' से अलग है.

कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी या उनकी बहन प्रियंका गांधी उनकी पहली पसंद नहीं है.

प्रशांत किशोर ने बीबीसी से ख़ास बातचीत में कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपनी पहली पंसद मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी को बताया.

प्रशांत किशोर ने जब कांग्रेस पार्टी को प्रजेंटेशन दिया था, उसके बाद से इस तरह की अटकलें लगाई जा रहीं थी कि उन्होंने सुझाव दिया है कि प्रियंका गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए. प्रियंका गांधी ने हाल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश का प्रभार संभाला था.

लेकिन प्रशांत किशोर ने प्रियंका गांधी को अध्यक्ष बनाने का सुझाव दिए जाने से जुड़ी तमाम अटकलों को ख़ारिज किया.

प्रशांत किशोर ने कहा, " जो बातें प्राइवेटली कही गई, उनके बारे में पब्लिकली नहीं कहूंगा. जो बातें सार्वजनिक हैं, उन्हीं के बारे में कहूंगा. लीडरशिप को लेकर जो मेरे दिमाग में था, मैंने उनको दिखाया. वो पूरी कमेटी ने नहीं देखा. वो कांग्रेस प्रेसिडेंट (सोनिया गांधी) के लिए था. जहां तक ये बात है कि प्रियंका गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया जाए, ये बिल्कुल ग़लत बात है. मैंने ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं दिया कि इस व्यक्ति को अध्यक्ष बना दें. मेरा प्रपोजल बस इतना था कि जो कांग्रेस का प्रेसिडेंट हो, वो पार्लियामेंट पार्टी का लीडर न हो. अभी दोनों ही पद सोनिया गांधी जी के पास है. मेरा कहना था कि दोनों अलग-अलग व्यक्ति होने चाहिए."

'मजबूत कांग्रेस देश के लिए ज़रूरी'
प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच बात नहीं बन पाई लेकिन उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि कांग्रेस का मजबूत रहना देश के हित में है.

उन्होंने कहा, "जो बीजेपी के एकदम घोर समर्थक हैं, वो भी कहेंगे कि मजबूत कांग्रेस देश के हित में है. "

कांग्रेस पार्टी का ग्राफ़ बीते करीब एक दशक से लगातार नीचे जा रहा है. साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. राज्यों के चुनाव में भी पार्टी कुछ ख़ास नहीं कर पाई है. हालिया चुनाव में पंजाब जैसा अहम राज्य भी कांग्रेस के हाथ से फिसल गया. जिस वक्त कांग्रेस और प्रशांत किशोर के बीच बातचीत चल रही थी तब ये माना जा रहा था कि पार्टी आने वाले चुनावों में अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए उनकी ओर देख रही है.

लेकिन, प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के सामने प्रजेंटेशन की पेशकश की थी या फिर कांग्रेस की ओर से उन्हें बुलावा भेजा गया था, इस सवाल पर प्रशांत किशोर ने गोलमोल जवाब दिया.

उन्होंने कहा, "मेरा कद और किरदार इतना बड़ा नहीं है कि कांग्रेस की लीडरशिप मेरे पास आएगी. उन्होंने मुझे मौका दिया अपनी बात कहने का, इसके लिए मैं उनका शुक्रगुज़ार हूं. जिन चीजों पर सहमति बनी है, अगर वो उस पर अमल करते हैं, उससे कांग्रेस का फ़ायदा है. लोकतंत्र का फायदा है.देश का फ़ायदा है."

कांग्रेस को दिए प्रजेंटेशन के बारे में प्रशांत किशोर ने कहा, " मेरी एक ही शर्त थी. पांच राज्यों के रिजल्ट आने के बाद जो बात हुई, उसमें एक ही शर्त रखी. हम जो ब्लू प्रिंट रख रहे हैं, उस पर चर्चा हो जानी चाहिए, मेरे ज्वाइन करने के पहले तय कर लीजिए, कांग्रेस की कमेटी ने लिखा कि (प्रजेंटेशन में) ज्यादातर बातें जो हैं, उन पर अमल संभव हैं, उसे करने से कांग्रेस का फ़यादा हो सकता है."

'मोदी को न हराएं, भारत में जीत हासिल करें'
कांग्रेस को दी सलाह के बारे में उन्होंने कहा, " इट इज़ नॉट अबाउट हाऊ टू डिफिट मोदी, बट हाऊ टू विन इंडिया? (ये मोदी को हराने की नहीं बल्कि भारत में जीत हासिल करने से जुड़ी सलाह है.)"

प्रशांत किशोर कहते हैं कि वो भले ही कांग्रेस के साथ नहीं जुड़े लेकिन कांग्रेस अगर उनकी सलाह पर अमल करती है तो ये पार्टी के लिए अच्छा होगा.

प्रशांत किशोर कांग्रेस समेत देश के कई राजनीतिक दलों के साथ मिलकर काम कर चुके हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान वो बीजेपी के तब के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए काम कर रहे थे.

नरेंद्र मोदी और बीजेपी की लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद उनकी भूमिका को भी श्रेय दिया गया. साल 2015 में वो मोदी की बीजेपी से अलग होकर बिहार में नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइडेट और लालू यादव के राष्ट्रीय जनता दल के लिए रणनीति बनाने के काम में जुटे. इस चुनाव में बीजेपी को करारी हार मिली. बीते साल पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की जीत में भी प्रशांत किशोर श्रेय मिला.

वो आम आदमी पार्टी के लिए भी काम कर चुके हैं. साल 2017 में उन्होंने दो राज्यों में कांग्रेस को सलाह दी. पंजाब में कांग्रेस को जीत मिली थी लेकिन उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन कोई कमाल नहीं दिखा सका था.

वो 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी रोकने को अपने करियर का हाई प्वाइंट मानते हैं. उस समय प्रशांत किशोर पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में चुनाव लड़ रही कांग्रेस के रणनीतिकार थे. कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया था और सरकार बनाई थी. बाद में प्रशांत किशोर ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ जुड़कर काम किया था.

नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, लालू यादव और ममता बनर्जी जैसे नेताओं के साथ काम कर चुके प्रशांत किशोर कहते हैं कि तमाम नेताओं में वो सबसे ज़्यादा प्रभावित नीतीश कुमार से रहे हैं.

वो कहते हैं, "नीतीश जी से मैं पहले प्रभावित था. आज के जो नीतीश कुमार है, संभव है, वो बात सही न हो लेकिन अगर मैं प्रभावित नहीं होता तो पार्टी ज्वाइन नहीं करता. मैंने एक मात्र पार्टी जो ज्वाइन की वो जदयू है तो आप मान सकते हैं कि एक दौर में मैं नीतीश कुमार से प्रभावित था. "

प्रशांत किशोर ने अपने भविष्य के बारे में भी चर्चा की.

उन्होंने कहा, "जब 2 मई 2021 में बंगाल के रिजल्ट आए थे, मैंने कहा था कि एक साल रुक कर आगे क्या करना है मैं उस पर सोच विचार कर निर्णय लूंगा. वो 2 तारीख दो तीन दिन में हो जाएगी, तब मैं सार्वजनिक रूप से बता पाऊंगा कि मैं क्या करूंगा. मैं जो कुछ करूंगा दो दिन में बताऊंगा."

प्रशांत किशोर साल 2014 में नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान का हिस्सा रहे हैं तो क्या उनकी बीजेपी में 'घर वापसी' हो सकती है, इस सवाल पर उन्होंने कहा, "मैं कभी बीजेपी में था ही नहीं तो घर वापसी जैसा शब्द कहां से आता है. "

बीजेपी के साथ जुड़ने की संभावना को ख़ारिज करते हुए उन्होंने कहा, " मेरे पास ऐसा कोई ऑफ़र नहीं है. "

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या अमित शाह से क्या उनकी अब भी बात होती है, इस सवाल का प्रशांत किशोर ने सीधा जवाब नहीं दिया.

उन्होंने कहा, " अगर आपको प्राइम मिनिस्टर ने फ़ोन किया तो देश में कौन सा ऐसा व्यक्ति है जो कह देगा कि मैं आपसे बात नहीं करूंगा? प्राइम मिनिस्टर की चेयर को आप डिसरेस्पेक्ट नहीं कर सकते. आपको बात तो करनी होगी."

साल 2024 में बीजेपी के भविष्य और लोकसभा चुनाव नतीजों को लेकर किए गए सवाल पर उन्होंने कोई अनुमान लगाने से इनकार कर दिया.

प्रशांत किशोर ने कहा, "बीजेपी एक मजबूत राजनीतिक शक्ति के रूप में इस देश में रहेगी, इससे हम और आप इनकार नहीं कर सकते हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वो 2024 जीत जाएंगे. या 29 जीत जाएंगे. दोनों अलग बात हैं."

प्रशांत किशोर ने ये भी कहा कि कोई थर्ड फ्रंट बीजेपी को चुनौती नहीं दे सकता है.

उन्होंने कहा, "मैं कभी मानता ही नहीं हूं कि कोई थर्ड या फोर्थ फ्रंट इस देश में चुनाव जीत सकता. जिसे भी चुनाव जीतना है, उसे सेकेंड फ्रंट बनना होगा. एक नंबर पर समझिए बीजेपी और एनडीए है, मैं इतना बेवकूफ़ तो हूं नहीं कि जो कहूंगा कि थर्ड फ्रंट विल डिफीट फर्स्ट फ्रंट. जो भी फ्रंट बीजेपी को हराने की मंशा रख रहा है, उसे सेकेंड फ्रंट होना होगा."

प्रशांत किशोर ने ये भी कहा कि कांग्रेस देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है लेकिन बीजेपी को चुनौती देने वाला 'सेकेंड फ्रंट' नहीं है.

प्रशांत किशोर अपने अगले कदम की जानकारी दो दिन बाद देंगे लेकिन बीबीसी से बातचीत में उन्होंने इतना इशारा ज़रूर कर दिया कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान देश उन्हें एक चुनाव रणनीतिकार नहीं बल्कि नेता के रूप में देखेगा. (bbc.com)

 

 


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