कोण्डागांव

कुष्ठ मुक्त भारत के तहत माकड़ी, विश्रामपुरी में आयोजित किए गए शिविर
19-Feb-2022 5:02 PM
कुष्ठ मुक्त भारत के तहत माकड़ी, विश्रामपुरी में आयोजित किए गए शिविर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 19 फरवरी।
कुष्ठ जागरूकता अभियान के अंतर्गत गांधीजी की पुण्यतिथि के अवसर पर 30 जनवरी से अमृत महोत्सव पर कुष्ठ मुक्त भारत की ओर थीम के तहत् जिले में अभियान चलाया गया। इसके तहत ग्राम पंचायतों में बैठक आयोजित कर कुष्ठ प्रभावितों के साथ मित्रवत व्यवहार, उनके उपचार इस बीमारी के ईलाज के संबंध में ग्रामवासियों मरीजों को जागरूक करने के साथ दवाईयो का नियमित सेवन, जल तेल उपचार करने के संबंध में जानकारी देना सम्मिलित किया गया था।

इसके तहत् 31जनवरी को जिला अस्पताल में जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. अमृतलाल रोहलेडकर के मार्गदर्शन में सीएमएचओ डॉ. टीआर कुंवर की अध्यक्षता में सिविल सर्जन संजय बसाख, एनएलईपी इमरान खान, कुष्ठ सहायक लोकेश सोनी, एसके घाटोड़े की उपस्थिति में प्रथम शिविर आयोजित किया गया था। इसमें लगभग 7 कुष्ठ के मरीजों का उपचार करने के साथ उन्हे जानकारी भी दी गई। इसी के तहत् द्वितीय शिविर 8 फरवरी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र माकड़ी में आयोजित किया गया था। इसमें 10 मरीजों के साथ संवाद किया गया वही तृतीय शिविर 16 फरवरी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र विश्रामपुरी में लगाया गया जहां 14 मरीजों के साथ उनके परिजन एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।

इन सभी शिविरों में आए कुष्ठ के मरीजों को शिविर में जिला अस्पताल के फिजियोथैरेपिस्ट डॉ0 पदमनाथ बघेल के द्वारा क्लॉ हैंड एवं फुट ड्रॉप से संबंधित लक्षणों के बारे में मरीजों को अवगत कराकर, उस विकृति को रोकने हेतु फिजियोथेरेपी इलाज करते हुए उन्हें आवश्यक सावधानियों एवं कसरतों के संबंध में बताया गया। इसके संबंध में डॉ0 बघेल ने बताया की कुष्ठ रोग माईक्रोबैक्टीरियम लैप्री नामक जीवाणु से होता है। इस रोग के द्वारा चमड़ी एवं तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है। इसका ईलाज कराये जाने पर पूर्णत: ठीक हो जाता है। इसमें तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव के कारण हाथ एवं पैरों की उंगलियों पर विषम प्रभाव पड़ता है तथा आंशिक दिव्यांगता भी हो सकती है। फैजियो थेरेपी एवं नियमित कसरतों द्वारा इन प्रभावों को पूर्णत: ठीक किया जा सकता है। ऐसे मरीजों को डॉक्टर की सलाह के साथ फिजियो थेरेपी अवश्य करानी चाहिए।


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