कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 12 फरवरी। जिले के शासकीय गुंडाधुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 5 से 28 फरवरी के बीच मनाए जा रहे साइंस कार्निवाल कार्यक्रम के अंतर्गत 12 फरवरी को विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत गैलीलियों के वैज्ञानिक कार्यों पर आधारित साइंटिफिक डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया।
इसके साथ ही अंधविश्वास जादू टोना और मिथकों के पीछे के विज्ञान विषय पर डॉ. दिनेश मिश्रा नेत्र रोग विशेषज्ञ और अध्यक्ष अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति रायपुर के द्वारा व्याख्यान दिया गया। उन्होंने दैनिक जीवन से जुड़े हुए कई अंधविश्वास और उनके पीछे के वैज्ञानिक कारणों को विस्तार से बताया। उन्होंने किसी महिला को टोनही घोषित किए जाने सेे समाज के लिए घातक बताते हुए इस बुराई से लडऩे के लिए प्रेरित किया गया।
उन्होंने अंधविश्वास बढऩे के कारणों को भी विस्तारपूर्वक बताते हुए कहा कि अंगूठी या ताबीज कोई चमत्कार नहीं कर सकते। चमत्कार सिर्फ आपकी मेहनत कर सकती है। श्रोताओं की अंधविश्वास से संबंधित जिज्ञासाओं को भी सुना और उनका निदान किया।
इस कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. आशीष कुमार आसटकर के द्वारा किया गया। आभार प्रदर्शन आकाश वासनीकर ने किया गया। व्याख्यान का प्रसारण महाविद्यालय के सभागृह में प्रोजेक्ट के माध्यम से किया गया।इसके साथ ही ज़ूम और यूट्यूब पर भी लाइव प्रसारण किया गया।
इस अवसर पर प्राचीन भारत के विज्ञान विषय पर भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें प्रतिभागियों ने प्राचीन भारत में चिकित्सा, खगोलशास्त्र, गणित, रसायन सहित विज्ञान की विभिन्न विधाओं में भारत की उपलब्धियों के बारे में बताया गया। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्रतीक्षा यादव, द्वितीय स्थान नेहा शुक्ला, तृतीय स्थान एस. लावण्या ने प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता में महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक विनय कुमार देवांगन, चित्रकरण पटेल और सुश्री नेहा चतुर्गोष्ठी निर्णायक के रूप में मौजूद रहे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. किरण नुरूटी ने आज के इस व्याख्यान को संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम निश्चित रूप से छात्रों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने की दृष्टि से कारगर साबित होंगे।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक पुरोहित कुमार सोरी, शशिभूषण कन्नौजे, शोभाराम यादव,रूपा सोरी, डॉ. देवाशीष हालदार, नसीर अहमद, विभिन्न संकायों के अतिथि प्राध्यापक, कर्मचारीगण और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।