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पूर्व प्रभारी कुल सचिव पर एफआईआर
25-Aug-2024 5:54 PM
पूर्व प्रभारी कुल सचिव पर एफआईआर

दलित शिक्षक को प्रताडि़त करने का मामला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

खैरागढ़,25 अगस्त। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की पूर्व कुल सचिव एवं  नृत्य संकाय की डीन नीता गहरवार पर दलित शिक्षक को प्रताडि़त करने के मामले में एफआईआर  दर्ज किया गया है। अनुसूचित जाति के शिक्षक ने अपने साथ हुए दुव्र्यवहार एवं प्रताडऩा को लेकर शिकायत की थी।

 गौरतलब हो  कि इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के कथक नृत्य विभाग में कार्यरत शिक्षक डॉ. जितेश कुमार गढ़पायले द्वारा छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति आयोग रायपुर में शिकायत कर न्याय की मांग की गई थी । गत 18 मई को ‘छत्तीसगढ़’ ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

प्रोफेसर नीता गहरवार पर धारा 3 (1) द एवं धारा  3 (1) घ के तहत मामला पजीबद्ध किया गया है।

 पूरे मामले को लेकर खैरागढ़ के एसडीओपी लालचंद मोहले ने बताया कि डॉ. जितेश गढ़पायले के द्वारा शिकायत की गई थी कि नीता गहरवार द्वारा लगातार जातिगत भेदभाव कर उन्हें प्रताडि़त कियाजा रहा है, जिसकी जांच की गई,  जांच में सही पाया गया। इसके बाद नीता गहरवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है और मामले को विवेचना में लिया गया है।

श्री गढ़पायले ने अपनी शिकायत पत्र में कथक नृत्य विभाग की अधिष्ठाता एवं विभाग अध्यक्ष तथा  प्रभारी कुल सचिव डॉ. नीता गहरवार की शिकायत करते हुए कहां था कि पूर्व कुलपति मोक्षदा चंद्राकर के रहने से डॉ. गहरवार जो क्षत्रिय जाति की है, उसके अनैतिक कार्यों में साथ नहीं देने के कारण मुझे जातिगत प्रताडऩा देते हुए हमेशा नीचा दिखाने का प्रयास किया गया है।

अपनी  शिकायत में इन्होंने यह भी कहा है कि वर्तमान कुलपति और प्रोफेसर नीता गहरवार विभिन्न अवसरों पर मुझे ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ कार्य करने पर भी अनुसूचित जाति होने के कारण डांट-डपट कर नीचा दिखाने का प्रयास किया गया, इतना ही नहीं शासन के आदेश के बावजूद कोरोना काल में मैं बीमार था, इसकी जानकारी देने के बावजूद भी मेरा वेतन काट दिया गया।

दुव्र्यवहार एवं मानसिक प्रताडऩा प्रदान करते हुए मेरे प्रमोशन को रोक दिया गया तथा मेरे पर गलत तरीके से आरोप लगाकर मुझे सस्पेंड भी कर दिया गया है और  यह सब इसलिए किया गया क्योंकि मैं अनुसूचित जाति का हूं और मैं इनके मन मुताबिक अनैतिक कार्यों में साथ नहीं देता था।पत्र के माध्यम से शिकायत करते हुए उन्होंने इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करते हुए न्याय की मांग की गई थी।

एफआईआर में राजेश गुप्ता का भी नाम दर्ज है, जिसमें उल्लेख है कि टाइपिस्ट की नौकरी से शुरुआत कर कूटनीति से सहायक कुलसचिव के पद पर आसीन होकर कुलपति एवं कुल सचिव दोनों कार्यायलयों में व्यवस्था फैला रहे हैं जिससे विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारी एवं शिक्षक परेशान है, वहीं इसमें नृत्य संकाय के शिक्षक सुशांतदास का भी उल्लेख किया गया है जिस पर छात्राओं क साथ अभद्रव्यहार का आरोप लगा था।


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