जशपुर
प्रोत्साहन राशि पाकर परिजनों ने सीएम का जताया आभार
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
जशपुरनगर, 24 अगस्त। प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती। जशपुर जिले के झोलंगा गांव की नन्हीं सरस्वती नायक इसका जीवंत उदाहरण है।
दिव्यांग होने के बावजूद सरस्वती ने अपने हौसले और लगन से नागपुरी संगीत की दुनिया में एक खास पहचान बनाई है। कम उम्र में ही उसकी मधुर आवाज और गहन साधना ने लोगों का दिल जीत लिया है।
सरस्वती की यह संघर्षभरी यात्रा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय तक पहुँची। उनकी प्रतिभा और जज्बे से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री ने सरस्वती को प्रोत्साहन स्वरूप 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की। इस संवेदनशील पहल से नन्हीं कलाकार और उसका परिवार गदगद हो उठा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरस्वती जैसी प्रतिभाएं समाज के लिए प्रेरणा हैं। हमें गर्व है कि जशपुर की धरती से ऐसी सुरों की साधिका आगे बढ़ रही है। सरकार उसकी हर संभव मदद के लिए तैयार है। सहायता राशि प्राप्त कर सरस्वती और उसके परिजनों ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि यह सहयोग उसके सपनों को नई उड़ान देगा।
दिल्ली के नेशनल बाल भवन के मंच में दे चुकी है प्रस्तुति
जिले की तहसील जशपुर अंतर्गत झोलांगा पोस्ट लोखंडी की 19 वर्षीय सरस्वती सोरेन आज पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा बन गई हैं। दिव्यांग होने के बावजूद उन्होंने अपने हौसले और प्रतिभा से नागपुरी संगीत में एक अलग पहचान बनाई है।
सरस्वती ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई रायपुर के दिव्यांग स्कूल में की। सातवीं कक्षा तक पढ़ाई के दौरान एक बीमारी ने उनकी शिक्षा की राह रोक दी, लेकिन गाने का शौक और प्रतिभा उनके अंदर और प्रखर होती गई। इसी दौरान स्कूल स्तर पर हुए गायन प्रतियोगिताओं में उन्होंने अपनी कला का लोहा मनवाया।
बचपन से ही संगीत साधना में लीन सरस्वती ने मंच पर कई प्रस्तुतियां दीं। वह दिल्ली के नेशनल बाल भवन जैसे प्रतिष्ठित मंच पर भी अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं, जहां उनकी आवाज़ ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। जशपुर की यह होनहार बेटी आज पूरे क्षेत्र के लिए गौरव की विषय है।


