जशपुर
6 लाख मुआवजे के लिए मृतक की 6 पत्नियों ने ठोका दावा
नरेश शर्मा
जशपुर, 19 अगस्त (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। शासन ने जंगली हाथियों के हमले से होने वाली मौत मामले में 6 लाख का मुआवजा वन विभाग की गले की हड्डी बन गया है। इसका कारण है कि एक किसान की हाथी हमले में मौत के बाद उसकी 6 पत्नियों ने एक साथ ये राशि देने के लिए अपना -अपना दावा ठोक दिया है।
मामला जशपुर जिले के पत्थलगांव ब्लॉक का है। कुछ दिन पहले पत्थलगांव के पास स्थित चिमटापाली गांव में हाथी हमले से एक किसान सालिक राम टोप्पो की मौत हो गई थी, जिसकी क्षतिपूर्ति देने के वन विभाग ने दावा आपत्ति की कार्यवाही शुरू की थी, तब मृतक किसान की अलग अलग 6 पत्नी ने पत्थलगांव ब्लॉक के कार्यालय पर जाकर राशि देने की मांग कर दी।
एक साथ एक मृत किसान की 6 पत्नियों के दावे से अधिकारी के पसीने छूट गए हैं। किसान की मौत 26 जुलाई को हुई थी।
जशपुर जिले के वन मंडल में आने वाले पत्थलगांव ब्लॉक के अधिकारी कृपा सिंधु पैंकरा के समक्ष हाथी से जनहानि का मामला सामने आया है। इसमें एक दो नहीं बल्कि आधा दर्जन महिलाओं ने मृतक की पत्नी होने का दावा ठोक दिया है। अजीबो गरीब स्थिति को देखते हुए वन अधिकारी ने सभी महिलाओं को सक्षम अधिकारी का प्रमाण पत्र लाने को कहा है।
पत्थलगांव वन अधिकारी कृपासिंधु पैंकरा ने बताया कि 26 जुलाई 25 को बालाझार ग्राम पंचायत में आने वाले ग्राम चिमटापानी गांव में हाथी के हमले से एक किसान की मौत हो गई थी। इस मामले में वन विभाग की टीम जब जनहानि मुआवजा प्रकरण बनाने के लिए मृतक के गांव पहुंची तो वहां छ: महिलाओं ने मुआवजा राशि के लिए पंच, सरपंच के प्रमाण पत्र दिखाते हुए पुख्ता दावा ठोक दिया है। कुछ महिलाओं ने मृतक के साथ रहकर गुजर बसर करने की बात कही है तो दो महिलाओं ने बकायदा मृतक किसान द्वारा उन्हें परम्परा से मंगलसूत्र पहनाए जाने की फोटो देते हुए भी दावा किया है।
वन अधिकारी कृपा सिंधु पैंकरा का कहना है कि इन महिलाओं की उपस्थिति से काफी जटिल समस्या उत्पन्न हो गई है। इसी वजह इन्हें सक्षम अधिकारी का प्रमाण पत्र मांगा गया है ताकि हाथी से जनहानि का मामला दर्ज कर उच्च अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके। उन्होंने कहा कि फिलहाल ये सभी महिलाएं जल्दी से जल्दी अपने पक्ष में मृतक की पत्नी होने का प्रमाण पत्र लाने की बात कर रही हैं।
दस्तावेज पुख्ता होने पर मिलेगी राशि
शासन के नियमानुसार हाथी हमले से मौत मामले में जो 6 लाख की राशि देने का प्रावधान है उसमें आवश्यक दस्तावेज जरूरी है। इसलिए सभी 6 महिलाओं को शादी के प्रमाण पत्र के अलावा अन्य दस्तावेज जमा करने को कहा गया है। इस प्रक्रिया के तहत मृतक की पत्नी होने संबंधी प्रमाण लाने में जो भी महिला सफल हो जाएंगी, उसी के पक्ष में मुआवजा राशि के लिए प्रकरण बना दिया जाएगा।
'छत्तीसगढ़Ó संवाददाता को वन अफसर से जानकारी मिली है कि मृतक किसान सालिक राम टोप्पो (50) की अंतिम पत्नी भूतियारो बाई को उसी दिन याने 26 जुलाई 2025 को वन विभाग ने तात्कालिक मुआवजे की राशि 25 हजार रु. उसके बेटे भागवत के सामने दी थी। अब बाकी मुआवजा लेने के लिए पुरानी पांच पत्नियों ने ये दावा ठोक दिया है।
पत्थलगांव ब्लॉक में आने वाले इस गांव में भूटीयारो भाई छठवीं पत्नी है और बाकी जो अन्य पांच पत्नियां हैं, वो अलग अलग गांव की है। सभी के आवेदन आने के बाद नाम सामने आएंगे। बिना कोई ठोस प्रमाण के ये मुआवजा राशि अभी होल्ड पर है।


