जशपुर
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
जशपुरनगर, 8 अगस्त। जिला चिकित्सालय के विशेष नवजात शिशु देखभाल ईकाई (एस.एन.सी.यू.)के प्रभारी व शिशु रोग विषेषज्ञ डॉ. गौरव सिंह व उनकी टीम के द्वारा बीमार नवजात शिशुओं को न सिर्फ अति आवश्यक चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है वरन बीमार नवजात शिशुओं की जान बचाकर उनके परिवार में नयी उम्मीद और खुशियां दी जा रही है।
इसी क्रम में अक्टूबर 2024 में जिला चिकित्सालय जशपुर में भर्ती कांसाबेल के ग्राम-खुटीटोली निवासी श्रीमती कंचन का प्रसव समय से पूर्व गर्भधारण के 30वें सप्ताह जनवरी 2025 में हो जाने के कारण बच्चा श्वसन संबंधी विकार आर.डी.एस. जैसे:- सांस लेने में कठिनाई, फेफड़े के संक्रमण, रक्त मे ऑक्सीजन की कमी व न्यूनतम वजन मात्र 940 ग्राम के साथ जन्म हुआ। बच्चे की अवस्था व जीवन के प्रति संघर्ष को देखते हुए उसके बचने की उम्मीद बेहद कम थी। जिसके कारण बच्चे को जिला चिकित्सालय में संचालित विशेष नवजात शिशु देखभाल ईकाई, एस.एन.सी.यू. में भर्ती कराया गया। जहां बच्चे की जीवन की रक्षा व शारिरिक विकास के लिए उसे सर्फेकटेंट थेरेपी फेफड़े के विकास के साथ-साथ अतिरिक्त ऑक्सीजन सर्पोट, फिडिंग ट्यूब के माध्यम से पोषण, तापमान नियंत्रण हेतु इनक्यूबेटर आदि सुविधायें लगभग 58 दिनों तक दिया गया।
इस दौरान बच्चे को नियमित रूप से डॉ. गौरव सिंह एवं एस.एन.सी.यू. स्टॉफ सुश्री कमला, प्रियंका, अंजली, दीपांजली व अन्य सहयोगी स्टॉफ द्वारा देखभाल, उपचार व बच्चे के माता-पिता को परामर्श सुविधा प्रदान किया गया।
बच्चे की माता कंचन ने बताया कि एस.एन.सी.यू. में बच्चे की देखभाल व उपचार के कारण डेढ़ माह के भीतर बच्चे का वजन 1.24 किलोग्राम हो गया। बच्चा मां का दूध पीने में सक्षम नहीं था जो 58 दिन के देखभाल उपरांत दूध पीने में न सिर्फ सक्षम हो चुका बल्कि अब उसे सांस लेने मे भी तकलीफ नहीं है।
आज सात माह के नियमित देखभाल व मासिक फॉलोअप उपरांत बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ है। जिस हेतु जिला चिकित्सालय में मिली सुविधा व देखभाल के लिए कंचन ने चिकित्सक डॉ. गौरव सिंह सहित सभी स्टॉफ को हृदय से धन्यवाद दिया।
डॉ गौरव ने साथ ही बताया कि हर शनिवार को जिला चिकित्सालय में ऑटिज्म, बच्चों के स्वभाव से संबंधित समस्याओं, अतिसक्रिय बच्चों, विकासात्मक देरी युक्त बच्चों हेतु विशेष क्लिनिक का संचालन विगत माह जून 2025 से निरंतर किया जा रहा है। उक्त विशेष क्लिनिक के संचालन से जशपुर जिलें के बच्चों के साथ साथ जशपुर जिलें के सीमावर्ती राज्यों से संलग्न जिलों के बच्चों को भी लाभ मिल रहा है।


