जशपुर

हाथी ने गांव में मचाया उत्पात, तीन मकानों को पहुंचाया नुकसान
02-Jul-2023 3:07 PM
हाथी ने गांव में मचाया उत्पात, तीन मकानों को पहुंचाया नुकसान

ग्रामीणों की मदद से खदेड़ा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जशपुरनगर, 2 जुलाई।  जिले के कुनकुरी रेंज अंतर्गत ग्राम पुटुकेला खरवाटोली में बीती रात हाथी ने तीन घरों को क्षतिग्रस्त किया। ट्रैक्टर और ग्रामीणों की मदद से हाथी को भगाया दिया गया है।

 ग्राम पुटुकेला खरवाटोली में शुक्रवार-शनिवार के मध्य रात्रि में एक हाथी प्रवेश किया और ग्राम में जमकर उत्पात मचाने लगा। इस दौरान हाथी ने बुधनाथ चौहान पिता कमल चौहान, मिखैल मिंज पिता शुक्ला मिंज और जलसा कुजूर पिता गरजू कुजूर के मकान में हमला कर मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया। हाथी के हमले से समूचा परिवार डर के मारे सहमे हुवे एक कोने में दुबका रहा। हाथी की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण रतजगा कर और ट्रैक्टर की मदद से हाथी को भगाने का प्रयास करने लगे।

ग्रामीणों ने ट्रैक्टर की आवाज और हेड लाइट के सहारे हाथी को ग्राम से बाहर निकाला, तब जाकर घर में दुबके सदस्यों ने राहत की सांस ली। ग्रामीणों ने बताया कि 4 दिन पूर्व इस हाथी ने यहां फिर उत्पात मचाया था और एलेसियूस के मकान को नुकसान पहुंचाया था।

ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग इस समय हाथियों के लोकेशन संबंधी सूचना उपलब्ध करा पाने में पूरी तरह असफल साबित हो रहा है। वन विभाग के दरोगा और नाकेदार के कार्यों में भारी लापरवाही के आरोप भी ग्रामीणों ने लगाया है।

 ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की टीम क्षेत्र में गस्ती नही करती है और न ही हाथियों के लोकेशन संबंधी कुछ जानकारी ग्रामीणों को अपडेट करती है। जिस वजह से ग्रामीणों को खुद ही अपने प्राणों की रक्षा के लिए रतजगा करने को मजबूर है।  ग्रामीणों के अनुसार बीते 15 दिनों से भी ज्यादा समय से हाथी का प्रकोप यहां देखने को मिल रहा है बावजूद इसके सूचना मिलने के बाद भी वन अमला अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करने में पूरी तरह विफल साबित हो रहा है। हाथियों के आतंक की सूचना के पश्चात भी वन अमला ग्राम में मुनादी कराने में पूरी तरफ असफल साबित हुआ है।

 ग्रामीणों का कहना है कि गत दिनों वन विभाग के डीएफओ के द्वारा सभी रेंजर बिटगार्ड, नाका और दरोगा को निर्देश दिया गया था कि हाथी से संबंधित लोकेशन ग्रामीणों से साझा कर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किया जाए, परंतु उच्च अधिकारियों के निर्देश का अवहेलना वन अमला द्वारा लगातार किया जा रहा है। अगर ऐसी ही लापरवाही निरंतर बरती गई तो निश्चित ही आगामी दिनों में कोई बड़ा हादसा यहां घटित हो सकता है जिसका जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ वन अमला ही होगा।


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