जशपुर

वन भूमि में काबिज लोगों को मालिकाना हक मिलने से बदल रही जिंदगी, कर रहे खेती
11-Nov-2022 3:55 PM
वन भूमि में काबिज लोगों को मालिकाना हक मिलने से बदल रही जिंदगी, कर रहे खेती

जमीन का मालिकाना हक मिलने से नहीं रहा बेदखली का भय-किसान लाल साय

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 11 नवम्बर।
प्रदेश सरकार ने वन भूमि में  काबिज लोगों को उनकी जमीन का मालिकाना हक प्रदान कर अनेक आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों की जिंदगियां बदली है। काबिज जमीन का पट्टा मिल जाने से अब ग्रामीण निश्चिंत होकर अपनी जमीन पर खेती कर सुख से जीवन यापन कर रहे हंै। साथ ही अपने परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत बना रहे है। विकासखण्ड कांसाबेल के ग्राम पंचायत बटईकेला निवासी  लाल साय को वनाधिकार पट्टा मिलने से उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने बताया कि उन्हें 0.145 हेक्टेयर भूमि का वन अधिकार पत्र  प्राप्त हुआ है।

साय ने बताया कि उनके दादा परदादा अपने जीवन काल से ही उक्त जमीन पर खेती किसानी करते थे। जिसका उन्हें पट्टा प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि उनके परिवार का जीवन निर्वाह उनके ऊपर निर्भर है। परिवार के रोजगार के अन्य साधन न होने के कारण वे जीवन यापन के लिए खेती पर ही निर्भर है।

हितग्राही ने बताया कि पहले उन्हें हमेशा काबिज भूमि के छीन जाने का भय रहता था, परंतु अब जमीन का मालिकाना हक मिलने से उन्हें बेदखली का डर नहीं है। अब वे हक के साथ उस जमीन पर खेती कर रहे हैं।  उन्होंने बताया कि वे धान के साथ ही मौसमी सब्जियों का उत्पादन भी कर रहे है। जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि हुई है।

लाल साय ने प्रदेश सरकार द्वारा छोटे किसानों के हितों को ध्यान में रखकर में किए जा रहे संवेदनशील कार्यों के प्रति आभार प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं जिला प्रशासन को सहृदय धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पूर्वजों के काबिज जमीन का उन्हें स्वामित्व अधिकार मिलने उनके परिवार के भरण-पोषण की चिंता अब नहीं रह गई है।
 


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