जशपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर., 4 अक्टूबर। जशपुर नगर पालिका को चौथी बार स्वच्छता के लिए स्वच्छ भारत मिशन की ओर से राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है। त्यौहार के दौरान मिला यह पुरस्कार निश्चित ही एक बड़ा उपहार है, लेकिन इसमें सबसे हैरत की बात यह है कि जिन लोगों की मेहनत और मशक्कत से यह उपहार रूपी पुरस्कार मिला है उन्हें बीते तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। पुरस्कार की खुशी तो उन्हें है, लेकिन वेतन नहीं मिलने से बच्चों का त्यौहार फीका होने का गम भी है। नगर पालिका के अधिकारी, कर्मचारी और सफाईकर्मियों को वेतन नहीं मिला है। कुछ ऐसे ही हालात जिला अस्पताल की सफाई करने वाले जीवन दीप समिति की ओर से रखे गए अस्थाई कर्मचारी और सफाईकर्मी हैं। उन्हें भी विगत 3 महीने से वेतन नहीं मिला है, जिससे उनके सामने त्यौहार के दिनों में संकट की स्थिति बनी हुई है।
दिल्ली से नहीं लौटीं अधिकारी
स्वच्छता का पुरस्कार लेने जशपुर नगर पालिका की ओर से उपाध्यक्ष राजेश गुप्ता और सीएमओ ज्योत्सा टोप्पो गए थे। राजेश गुप्ता वापस जशपुर लौट चुके हैं और सीएम टोप्पो सोमवार तक जशपुर नहीं लौटीं थीं। बुधवार को त्यौहार है और मंगलवार को सिर्फ एक दिन त्यौहार की तैयारी के लिए बचे हैं। अंतिम समय पर तकनीकी समस्या आने की वजह से वेतन नहीं मिलने पर दिक्कतें और बढऩे की संभावनाएं हैं।
अस्पताल में हंगामा
जीवन दीप समिति की ओर से लगभग 70 से 80 सफाईकर्मियों और वार्ड ब्यॉय को काम पर रखा गया है। इनमें से आधे यानि 35 लोगों को जिला अस्पताल की ओर से वेतन दिया जाता है और आधे 35 लोगों को शासन की ओर से वेतन दिया जाता है। शासन की ओर से अलाटमेंट नहीं आने की वजह से उन्हें वेतन नहीं मिला। इसलिए वे सोमवार को जिला अस्पताल के सामने आंदोलन पर बैठ गए और सिविल सर्जन डॉ आरएन केरकेट्टा को ज्ञापन सौंपा।
राजेश गुप्ता, उपाध्यक्ष नपा जशपुर का कहना है कि सीएमओ दिल्ली से नहीं लौटीं हैं। उनके लौटते ही वेतन मिल जाएगा। समस्या लेकर लोग मेरे पास पहुंचे थे, उन्हें समझाईश दी गई है।


