जशपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 2 जुलाई। शनिवार की सुबह 10 और 11 बजे के दौरान कार और बाइक के बीच भिड़ंत में गंभीर रूप से घायल हुए बाइक चालक की इलाज के लिए झारखंड के रांची ले जाने के दौरान रास्ते में मौत हो गई। दुर्घटना शहर के नजदीक कटनी गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग में स्थित गिरांग मोड़ में हुई।
डॉ. आरएन केरकेट्टा, सुपरीटेंडेंट जिला अस्पताल जशपुर का कहना है कि सीएम दौरा के दौरान नगरवासियों को ट्रामा यूनिट की मांग करनी थी। जनहित और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सरकार को मांग पत्र भेजा जाएगा।
जानकारी के मुताबिक शहर के सन्ना रोड के रहवासी सुमंत मिश्रा उर्फ छोटू अपनी बाइक से लोखंडी की ओर जा रहे थे। गिरांग मोड़ के पास उसकी बाइक विपरीत दिशा से आ रही एक कार से सीधी भिड़ गई। इस दुुर्घटना में बाइक के सडक़ पर रगडऩे से आग लग गई। बाइक चालक सुमंत के सिर में गंभीर चोटें आई थी। उसे एंबुलेंस से इलाज के लिए तत्काल जिला चिकित्सालय लाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए रांची रेफर कर दिया। रांची ले जाने के दौरान सुमंत की सांसे रास्ते में ही थम गई।
बताया जा रहा है कि कार में अंबिकापुर में लोक निर्माण विभाग के एक कर्मचारी और उनका पुत्र सवार थे। वे रांची से वापस अंबिकापुर की ओर लौट रहे थे। घटना की सूचना पर कोतवाली पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
हादसे के बाद घायल छोटू का हाल जानने अस्पताल पहुंचने वाले जशपुर शहर के नागरिकों ने जिला अस्पताल की व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में बस बिल्डिंगें बना दी गई हैं, लेकिन अच्छे विशेषज्ञ जानकारी चिकित्सकों और अत्याधुनिक तकनीकी मशीनों और जांच की व्यवस्था नहीं बनाई गई है।
उन्होंने घटना के बारे में बताते हुए कहा कि जब घायल छोटू को जशपुर जिला चिकित्सालय लाया गया, तब वह बातचीत कर रहा था। जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे बेहतर प्राथमिक उपचार दिए बिना ही रांची रेफर कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सक पहले मरीज को बाहर भेजने लायक कर लेते उसके बाद रेफर कर सकते थे। लेकिन इलाज में बिना जोखिम लिए खुद को सुरक्षित रखने की मानसिकता से रेफर कर दिया जाता है। जबकि घायल को जिला अस्पताल लाने के बजाए घटना स्थल से ही तत्काल झारखंड की ओर ले जाने से जान बचाई जा सकती थी।
लगातार उठ रही ट्रामा की मांग
जशपुरवासियों के द्वारा जिला मुख्यालय में ट्रामा सेंटर स्थापित करने की लगातार मांग की जा रही है। पूर्व में बीजेपी सरकार के दौरान 83 लाख रुपए ट्रामा सेंटर के लिए जशपुर के मिले थे लेकिन काम नहीं होने की वजह से बजट को दुर्ग भेज दिया गया था। सडक़ हादसों में हो रही मौत को देखकर लोग चिंतित हैं और जशपुर की स्वास्थ्य सुविधा पर तरस खाते हुए सरकार से लगातार व्यवस्था में सुधार करने और ट्रामा दिलाने की मांग कर रहे हैं।


