जान्जगीर-चाम्पा

'छत्तीसगढ़' संवाददाता
जांजगीर-चांपा, 18 अगस्त। शिवरीनारायण में एक नाबालिग से लगातार अनाचार करने वाले आरोपी को अदालत ने सख्त सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) अनिल कुमार बारा ने आरोपी दिलेश्वर महंत उर्फ निर्मलदास को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 500 रुपए जुर्माने की सजा दी है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उसे एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
मामले के मुताबिक 14 साल की पीड़िता के पिता के निधन के बाद वह अपने मामा के घर रह रही थी। मई 2023 में वह अपने भाई के साथ बड़े पिता के बेटे दिलेश्वर महंत के साथ कबीर आश्रम गई थी। भाई के बाहर काम पर जाने के बाद पीड़िता वहीं रुक गई। आरोपी दिलेश्वर कई वर्षों से आश्रम में सेवा करता था और पीड़िता को रोज खाना देता था। आरोप है कि वह खाने में नींद की दवा मिलाता और बेहोशी का फायदा उठाकर उसके साथ दुष्कर्म करता था।
जुलाई 2023 में एक रात पीड़िता ने खाना नहीं खाया, जिससे दवा का असर नहीं हुआ। जब आरोपी उसके कमरे में आया और छेड़छाड़ की कोशिश की, तो पीड़िता जाग गई। अगले दिन वह गांव टुंड्रा चली गई। बाद में जब पेट दर्द और पीरियड बंद होने पर प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया गया, तो गर्भवती होने की पुष्टि हुई। तब उसने सारी सच्चाई भाई को बताई।
भाई ने जब आरोपी से सवाल किया तो वह इंकार कर वहां से फरार हो गया। इसके बाद पीड़िता ने शिवरीनारायण थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना पूरी की और न्यायालय में चालान पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद आरोपी को दोषी करार दिया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
इस मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) चंद्रप्रताप सिंह ने की।