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बीजिंग, 4 अप्रैल | कनाडा के इतिहास विशेषज्ञ टेलर नोकेस ने हाल ही में 'नेशनल पोस्ट' अखबार में आलेख लिखकर वहां के मूल नागरिकों संबंधी गलत विचार का खंडन किया और साफ कहा कि कनाडा के मूल निवासियों का नरसंहार हुआ था। कनाडा की संबंधित संस्था ने कई बार भी जांच रिपोर्ट जारी कर देश में जातीय नरसंहार का पदार्फाश किया। इन आवाजों से जाहिर हुआ कि जातीय नरसंहार जानबूझकर नहीं छिपाया जा सकता। वह वास्तव में कनाडा समाज का एक गुप्त कॉर्नर है। नोकेस ने अपने आलेख में कहा कि अध्ययन से पता चला है कि यूरोपीय उपनिवेशकों के कनाडा पर कब्जा करने से पहले मूल नागरिकों की विशिष्ट और प्राचीन सभ्यता थी, लेकिन बहुत ही कनेडियन लोग अपनी संस्कृति और समाज को मूल संस्कृति से अधिक श्रेष्ठ समझते थे और उन्होंने अपनी इच्छा जबरन मूल नागरिकों पर थोपी।
ध्यान रहे, कनाडा के पूर्व मीडिया टाइकून कोनराडब्लैक ने पहले नेशनल पोस्ट में तथ्य और सुलह का तथ्य नाम आलेख जारी किया था, जिसमें कनाडा की तथ्य और सुलह समिति द्वारा वर्ष 2015 में जारी मूल नागरिकों के प्रति एक पड़ताल रिपोर्ट की निराधार आलोचना की और दावा किया गया कि इस पड़ताल रिपोर्ट में मूल नागरिकों के नरसंहार के निष्कर्ष को झूठ बताया।
टेलर नोकेस ने मूल नागरिकों की जनसंख्या, सभ्यता के स्तर, पुरातत्व प्रमाण और ऐतिहासिक रिकार्ड से कोनराड ब्लैक के विचारों का एक के बाद एक खंडन किया। उन्होंने बल दिया कि कनाडा में जो जातीय नरसंहार हुआ, वह कनाडा सरकार और कुछ विदेशी सरकारों के समर्थन से अलग नहीं हो सकता। गहरे रूप से जमा हुआ नस्लवादी विचार इसका मूल कारण है। दुर्भाग्य है कि ऐसा विचार आज तक कायम है।
गौरतलब है कि जून 2019 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वरोनिका मिचेले बाचेलेट जेसिया ने इस पड़ताल रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा सरकार से मूल नागरिकों के नरसंहार के सवाल पर जांच करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि कनाडा सरकार की पहले और वर्तमान की नीति और कुछ मामलों पर निष्क्रियता मूल नागरिकों के जातीय नरसंहार के बराबर है, जिसने अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है।
लेकिन खेद की बात है कि अब तक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने यह नहीं देखा है कि कनाडा सरकार ने घरेलू नरसंहार मुद्दे पर आत्मनिरीक्षण नहीं किया। (आईएएनएस)
(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)