अंतरराष्ट्रीय
-जोएल गुइंटो
मेक्सिको की फ़ातिमा बॉश को मिस यूनिवर्स 2025 चुन लिया गया है.
इस साल के हंगामेदार सीज़न के बाद शुक्रवार को बैंकॉक में आयोजित एक स्पेशल समारोह में उन्हें ताज पहनाया गया.
25 साल की फ़ातिमा इस साल नवंबर में उस वक्त चर्चा में आई थीं, जब उन्हें कई और प्रतियोगियों के सामने फटकार लगाई गई थी और उन्होंने कमरे से वॉकआउट कर दिया था.
इसके बाद दो जजों ने प्रतियोगिता से इस्तीफ़ा दे दिया. इस्तीफ़ा देने वाले एक जज ने दावा किया था कि प्रतियोगिता "फिक्स्ड" है.
चमक-दमक से भरा ये ताजपोशी समारोह बैंकॉक में हुआ. यहाँ तक पहुँचने से पहले इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली कई कॉन्टेस्टेंट बाहर निकल गईं और दो जजों ने इस्तीफ़ा दे दिया.
विश्लेषकों का कहना है कि ये विवाद थाई और मैक्सिकन मालिकों के बीच सांस्कृतिक और रणनीतिक मतभेदों को सामने लाकर आया.
मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता 1952 में शुरू हुई थी और इस साल यह इसका 74वां संस्करण है. इसका ताज पहनाया जाना, इस बात का भी संकेत है कि संगठन प्रासंगिक बने रहने और साल में एक बार होने वाले टीवी शो से आगे बढ़कर ऐसे मीडिया ब्रैंड में विकसित होने के लिए बेताब है, जो टिकटॉक के लिए भी तैयार हो.
अमेरिका से शुरू हुई मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता और ब्रिटेन से शुरू हुई मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता, दुनिया की सबसे लंबे समय से चल रही ब्यूटी प्रतियोगिताओं में से एक है.
इसका उद्देश्य महिलाओं के लिए वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए मंच प्रदान करना है. यह ख़िताब स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटी बनने का एक ज़रिया भी बन सकता है.
थाईलैंड इस साल चौथी बार मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता की मेज़बानी कर रहा था और फैन वेबसाइट्स के अनुसार, उसकी कॉन्टेस्टेंट एक ताज की प्रबल दावेदार मानी जा रही थीं.
अगर भारतीय मूल की थाईलैंड नागरिक प्रवीनेर सिंह रेस में थीं. अगर वह जीत जातीं तो 1988 के बाद देश की पहली और अब तक उसकी तीसरी मिस यूनिवर्स होतीं.
2018 में थाईलैंड की ओर से आयोजित मिस यूनिवर्स सीज़न को हाल के सालों में बेहतरीन आयोजनों में से एक माना जाता है. इसलिए उम्मीदें थीं कि इस बार का आयोजन पहले से भी बेहतर होगा.
इस साल मिस इंडिया मनिका विश्वकर्मा ने भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. हालांकि वो टॉप 20 में अपनी जगह नहीं बना पाईं.
इस बार के सीज़न का आयोजन थाईलैंड की जानी-मानी मीडिया कंपनी के मालिक नोवात इत्सराग्रासिल कर रहे हैं.
फैन्स उन्हें मिस ग्रैंड इंटरनेशनल के संस्थापक और इसका आयोजन करने वाली कंपनी के मालिक के रूप में जानते हैं. ये थाईलैंड में होने वाली एक छोटी प्रतियोगिता है जो सोशल मीडिया पर अपनी मौजूदगी के लिए मशहूर है.
इस साल के लिए मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता की होस्टिंग का लाइसेंस मिस्टर नावट के पास है जबकि संगठन का संचालन मेक्सिको से व्यवसायी राउल रोचा कर रहे हैं.
शुरुआत के सालों में इस प्रतियोगिता में अधिकांश उत्तर, सेंट्रल और दक्षिण अमेरिका से आने वाली महिलाओं का दबदबा रहा लेकिन हाल के दशकों में दक्षिण-पूर्व एशिया, ख़ासकर थाईलैंड, फिलीपींस और इंडोनेशिया इसका ज़बर्दस्त फैनबेस उभरा है.
यहां इस प्रतियोगिता को ग़रीबी से बाहर निकलने या सेलिब्रिटी बनने का शॉर्टकट रास्ता माना जाता है.
इस बार के आयोजन में नाटकीय मोड़ इस महीने की शुरुआत में उस वक़्त आया जब एक प्री-इवेंट समारोह में नोवात ने मिस मेक्सिको फ़ातिमा बॉश को कई और कंपीटिटर्स के सामने प्रोमोशनल कॉन्टेन्ट सोशल मीडिया पर नहीं पोस्ट करने के लिए फटकार लगाई.
फ़ातिमा ने जब इस पर आपत्ति जतायी तो नोवात ने सिक्योरिटी गार्ड्स को बुलाया और उनका समर्थन करने वालों को अयोग्य घोषित करने की धमकी दी.
फ़ातिमा बॉश कमरे से बाहर चली गईं और उनके पीछे-पीछे कई और कंपीटिटर भी समर्थन में वहाँ से चली गईं.
मिस यूनिवर्स संगठन ने नोवात के व्यवहार को "दुर्भावनापूर्ण" क़रार दिया. वहीं राउल रोचा ने मेक्सिको से वीडियो में थाई बिज़नेस पार्टनर नोवात को "ऐसा न करने" को कहा.
नोवात इत्सराग्रासिल ने बाद में इसके लिए माफ़ी मांगी और दावा किया कि उनके कुछ शब्दों को ग़लत समझा गया. लेकिन इस प्रतियोगिता को आगे संभालने के लिए अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों के एक दल भेजा गया.
इसके एक सप्ताह बाद प्रतियोगिता के दो जजों ने इस्तीफ़ा दे दिया, इनमें से एक ने चयन प्रक्रिया में "धांधली" का आरोप लगाया.
फ्रांसीसी मूल के लेबनीज़ संगीतकार ओमार हारफूश ने आठ सदस्यीय जूरी से इस्तीफ़े की घोषणा अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर की.
उन्होंने आरोप लगाया कि "शुक्रवार को फ़ाइनल प्रतियोगिता से पहले ही एक सीक्रेट कमिटी ने प्रतियोगियों के स्टेज पर आए बिना ही फ़ाइनलिस्ट चुन लिए थे."
उनके इस्तीफ़ा देने के कुछ घंटों बाद फ्रांस के पूर्व फुटबॉलर क्लॉड माकेलेले ने भी "अनपेक्षित निजी कारणों" का हवाला देते हुए प्रतियोगिता से हटने की घोषणा कर दी.
मिस यूनिवर्स संगठन ने हारफूश के दावों को ख़ारिज कर दिया और कहा कि "किसी बाहरी समूह को फ़ाइनलिस्ट चुनने का अधिकार नहीं दिया गया".
संगठन ने कहा कि शायद हारफूश "बियॉन्ड द क्राउन" कार्यक्रम की बात कर रहे थे. ये एक "सोशल इम्पैक्ट इनिशिएटिव" जिसका आयोजन मुख्य प्रतियोगिता से अलग होता है और जिसके लिए अलग सेलेक्शन समिति बनती है.
इसके बाद बुधवार रात आयोजित प्रीलिमिनरी गाउन राउंड में, मिस जमैका मंच पर गिर गईं और उन्हें स्ट्रेचर पर अस्पताल ले जाना पड़ा. फ़िलहाल उनका इलाज चल रहा है.
संगठन के शीर्ष स्तर पर उथल-पुथल
दरअसल विवादों का ये सिलसिला ऐसे वक़्त सामने आया है, जब मिस यूनिवर्स संगठन नेतृत्व में बदलाव के दौर से गुज़र रहा है.
इस बार के प्री-पेजेंट कार्यक्रमों से पहले थाईलैंड की मीडिया कंपनी की मालिक और ट्रांसजेंडर महिला ऐन जाक्राजूतातिप ने संगठन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद से इस्तीफ़ा दे दिया. उनकी जगह ग्वाटेमाला के राजनयिक मारियो बुकारो ने ली.
साल 2022 में ऐन ने अमेरिकी एंटरटेनमेंट कंपनी एंडेवर से ये पेजेन्ट अक्वायर किया था.
इसके बाद उन्होंने इसे और समावेशी बनाने के लिए इसमें बड़े बदलाव किए.
उन्होंने ट्रांसजेंडर महिलाओं, शादीशुदा महिलाओं और माँओं को इसमें हिस्सा लेने की इजाज़त दी. उन्होंने प्रतियोगियों के लिए उम्र सीमा भी हटा दी.
साल-दर-साल इस आयोजन के दर्शकों में गिरावट को देखते हुए उन्होंने मिस यूनिवर्स ब्रैंड से कमाई के रास्ते खोजे, जैसे पानी की बोतलों और बैग को ब्रैंड के नाम के साथ बेचना.
साल 2023 में उनकी कंपनी जेकेएन ने "समस्याओं" का हवाला देते हुए कंपनी को दिवालिया घोषित करने का आवेदन किया.
ऐन जाक्राजूतातिप ने इस्तीफ़ा देने से पहले राउल रोचा को अपने बिज़नेस पार्टनर की कंपनी में शामिल किया. बाद में उन्होंने नोवात इत्सराग्रासिल को साल 2025 की प्रतियोगिता को आयोजित करने की ज़िम्मेदारी दी.
अमेरिकी ब्यूटी क्वीन और पेजेंट कोच डैनी वॉकर ने बीबीसी से कहा कि संगठन के लिए बदलाव का ये दौर "बेहद कठिन" रहा.
वो कहती हैं कि इसका नतीजा ये हुआ कि अब अहम भूमिकाएं थाईलैंड और मेक्सिको में बँट गई हैं.
उनका कहना है कि जब एंडेवर इस प्रतियोगिता का आयोजन किया करता था या उससे पहले डोनाल्ड ट्रंप इसका आयोजन करते थे, इसके नेतृत्व के स्ट्रक्चर अधिक स्पष्ट थे.
पाउला शुगार्ट, मिस यूनिवर्स संगठन में पहले के दो मालिकों के साथ अध्यक्ष पद पर काम कर चुकी हैं.
उन्होंने बीबीसी को बताया कि "फैन्स और बाहरी लोगों के लिए भ्रम की स्थिति है. किसी को नहीं पता कि असल में नेतृत्व कौन कर रहा है और कोई सवाल करना हो तो किससे करे. ये ब्रैंड के लिए बहुत बुरा है."
महिला और लैटिन अमेरिका मामलों की स्टडी कर चुके थितिफोंग दुआंगखोंग शिक्षाविद के साथ-साथ ब्यूटी पेजेंट जानकार भी हैं.
वह कहते हैं कि इस तरह की प्रतियोगिता के आयोजकों को सांस्कृतिक भिन्नताओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए.
थितिफोंग ने बीबीसी से कहा, "अपने देश में हम थाई भाषा से बातचीत करते हैं. हम एक-दूसरे का सोशल कॉन्टेक्स्ट समझते हैं, हम जानते हैं कि समाज में किस तरह की असमानता है और थाई भाषा के ज़रिए हम लगातार उससे निपटते हैं."
वह कहते हैं कि ऐन जाक्राजूतातिप का ट्रांसजेंडर महिला होना कुछ लैटिन अमेरिकी फैन्स को पसंद नहीं आया होगा, जो समाज में पुरुष को ताक़तवर मानने वाली संस्कृति से प्रभावित हैं.
उन्होंने कहा, "इस तरह की बातें होने लगी थीं कि ऐसी महिला जो असल में महिला नहीं है, वो महिलाओं से जुड़ी पेजेंट आयोजित करने वाली कंपनी ख़रीद रही हैं. अब क्या होगा?"
बीते सालों में मिस यूनिवर्स के दर्शकों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है. इसका एक कारण ये है कि फैन्स सोशल मीडिया पर शिफ्ट हो गए हैं.
पूर्व में इस ताज को जीतने वाले, यहां तक कि रनर-अप के भी टिकटॉक और इंस्टाग्राम पर लाखों फॉलोअर्स हैं और वो अब इन्फ्लुएंसर बन चुके हैं.
नोवात की मिस ग्रैंड इंटरनेशनल में हिस्सा लेने वाली महिलाओं से उम्मीद की जाती है कि वो इस तरह की ई-कॉमर्स की दुनिया का हिस्सा बनें. ऐसी दुनिया जहां वो लाइव ब्रॉडकास्ट में सामान बेच सकें. नोवात इसी दुनिया की पहचान मिस यूनिवर्स से भी कराना चाह रहे थे.
लेकिन लैटिन अमेरिका में ब्यूटी क्वीन्स को अब भी ग्लैमरस टेलीविज़न सेलिब्रिटी माना जाता है.
वहां के दर्शकों के लिए एक मिस यूनिवर्स रियलिटी शो भी तैयार किया गया था, जहां मिस यूनिवर्स लैटिना को चुना गया. डॉमिनिक की ये विनर अब बैंकॉक में मुख्य मिस यूनिवर्स पेजेंट का हिस्सा हैं.
मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के इर्दगिर्द हो रहा ये विवाद संगठन के बिज़नेस से जुड़ा है. लेकिन मिस यूनिवर्स का ताज जीत चुकी ब्यूटी क्वीन्स अब भी अपने मंच का उपयोग सामाजिक काम के लिए कर रही हैं.
2018 की विजेता कैट्रियोना ग्रे ने अपने 138 लाख इंस्टाग्राम फ़ॉलोअर्स से अपील की कि वो फिलीपींस में तूफ़ान से बेघर हुए लोगों के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने में मदद करें.
इस प्रतियोगिता पर महिलाओं को वस्तु की तरह पेश करने का आरोप भी लगातार लगता रहता है.
लेकिन जहां 2025 में अधिकतर कंपीटिटर्स ने टू-पीस बिकिनी पहनी, वहीं कुछ रूढ़िवादी देशों की कंपीटिटर्स को स्विमसूट राउंड में पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनने की इजाज़त दी गई.
पाउला शुगार्ट कहती हैं, "इसमें कोई शक़ नहीं है कि यह सभी के लिए नहीं है और कुछ लोग हमेशा इससे असहमत होंगे. लेकिन जब तक इसके मूल उद्देश्य सुरक्षित हैं, समाज में इस तरह की प्रतियोगिताओं की एक भूमिका रहेगी."
वो कहती हैं कि संगठन के केंद्र में महिलाओं को सशक्त बनाने का उद्देश्य होना चाहिए.
वो कहती हैं, "अगर आप उन महिलाओं को सशक्त नहीं कर रहे जो इसमें हिस्सा लेती हैं, तो मिस यूनिवर्स कुछ भी नहीं है." (bbc.com/hindi)


