अंतरराष्ट्रीय
नेपाल सरकार की ओर से बनाए गए जांच आयोग ने कहा है कि वह 'जेन ज़ी' आंदोलन हिंसा के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और अन्य लोगों के बयान लेगा.
बीबीसी से बात करते हुए आयोग के अध्यक्ष गौरी बहादुर कार्की ने कहा कि ओली समेत उच्च पदों पर रहे अधिकारी जांच के दायरे में हैं.
उन्होंने कहा कि इसी वजह से आयोग ने रविवार को कुछ फै़सले लिए.
जांच आयोग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि उसने फै़सला लिया है कि पूर्व प्रधानमंत्री ओली समेत पांच लोगों को काठमांडू और देश छोड़ने से रोका जाएगा.
आयोग के सदस्य विज्ञानराज शर्मा के मुताबिक़, जांच के दायरे में पूर्व प्रधानमंत्री ओली, पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक, पूर्व गृह सचिव गोकर्ण मणि दुवाड़ी, राष्ट्रीय जांच विभाग के पूर्व प्रमुख हूतराज थापा और काठमांडू के पूर्व मुख्य ज़िला अधिकारी छबीलाल रिजाल शामिल हैं.
आयोग ने तय किया है कि इन्हें आयोग की अनुमति के बिना काठमांडू घाटी से बाहर जाने की इजाज़त नहीं होगी. (bbc.com/hindi)


