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व्यापार से रोका भारत-पाक संघर्ष, सात युद्ध समाप्त कराने के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए: ट्रंप
21-Sep-2025 9:58 AM
व्यापार से रोका भारत-पाक संघर्ष, सात युद्ध समाप्त कराने के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए: ट्रंप

(योषिता सिंह)

न्यूयॉर्क/वाशिंगटन, 21 सितंबर। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को व्यापार के माध्यम से सुलझाने का एक बार फिर दावा किया और कहा कि उन्हें ‘‘सात युद्धों को समाप्त कराने’’ के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए।

ट्रंप ने कहा, ‘‘वैश्विक मंच पर हम एक बार फिर ऐसे काम कर रहे हैं जिससे हमें उस स्तर का सम्मान मिल रहा है जो पहले कभी नहीं मिला।’’

ट्रंप ने शनिवार को ‘अमेरिकन कॉर्नरस्टोन इंस्टिट्यूट फाउंडर्स डिनर’ के वार्षिक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हम शांति समझौते करा रहे हैं और युद्ध रोक रहे हैं। तो हमने भारत-पाकिस्तान और थाईलैंड-कंबोडिया के बीच युद्ध को रोका है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बारे में सोचिए, आप जानते हैं कि मैंने इसे कैसे रोका - व्यापार के जरिए। वे व्यापार करना चाहते हैं और मैं दोनों नेताओं का बहुत सम्मान करता हूं।’’

अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया, ‘‘जरा देखिए भारत-पाकिस्तान, थाईलैंड-कंबोडिया, आर्मेनिया-अजरबैजान, कोसोवो-सर्बिया, इजराइल-ईरान, मिस्र-इथियोपिया, रवांडा-कांगो- हमने इन देशों के बीच के संघर्ष को रोक दिया और इनमें से 60 प्रतिशत को व्यापार के कारण ही रोका जा सका।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने भारत से कहा था कि देखिए आप दोनों के पास परमाणु हथियार हैं। यदि आप युद्ध की शुरुआत करते हैं तो हम आपके साथ कोई व्यापार नहीं करेंगे। मेरे इतना कहने पर वे रुक गए।’’

ट्रंप ने कहा, जैसा कि उन्हें बताया गया था कि यदि वह रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को रोकने में सफल रहते है तो उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना ही चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कहा, अच्छा, बाकी सातों का क्या? मुझे हर एक के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए तो उन्होंने कहा, अगर आप रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष रुकवा दें तो आपको नोबेल मिल जाना चाहिए। मैंने कहा कि मैंने सात युद्ध रोके हैं।’’

ट्रंप ने कहा, ‘‘मैंने सोचा था कि रूस-यूक्रेन संघर्ष का समाधान आसान होगा क्योंकि राष्ट्रपति पुतिन के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं लेकिन मैं उनसे निराश हूं। मैंने सोचा था कि यह सबसे आसान होगा लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है, फिर भी हम इसे किसी न किसी तरह से हल कर ही लेंगे।’’ (भाषा)


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