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अफगानिस्तान में बचाव कार्य जारी, मृतक संख्या 1,400 हुई
03-Sep-2025 9:54 AM
अफगानिस्तान में बचाव कार्य जारी, मृतक संख्या 1,400 हुई

जलालाबाद, 3 सितंबर। संयुक्त राष्ट्र ने पूर्वी अफगानिस्तान में आए भीषण भूकंप में हताहतों की संख्या में और वृद्धि की चेतावनी दी है। वहीं, देश के तालिबान प्रशासन ने कहा है कि मंगलवार को भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,400 से अधिक हो गई और 3,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने जो आंकड़े दिए हैं, वे सिर्फ कुनार प्रांत के हैं।

रविवार रात आए 6.0 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने कई प्रांतों को हिलाकर रख दिया, जिससे भारी तबाही हुई। भूकंप से कई गांव तबाह हो गए और लोग मिट्टी, कच्ची ईंटों और लकड़ी से बने कच्चे मकानों के मलबे में दब गए, जो इस झटके को झेल नहीं पाए।

ऊबड़-खाबड़ पथरीला इलाका बचाव और राहत कार्यों में बाधा डाल रहा है। तालिबान अधिकारियों ने घायलों को उन जगहों से निकालने के लिए कई कमांडो को हवाई मार्ग से क्षेत्र में नीचे उतारा है, क्योंकि वहां हेलीकॉप्टर नहीं उतर सकते।

सहायता एजेंसी ‘सेव द चिल्ड्रन’ ने कहा कि समुदाय के सदस्यों की मदद से उसकी एक टीम चिकित्सा उपकरण पीठ पर लादकर 19 किलोमीटर से अधिक की पैदल यात्रा कर प्रभावित इलाकों में पहुंची। भूकंप के कारण चट्टान गिरने से इन इलाकों का संपर्क कट गया है।

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, रविवार को आए भूकंप के केंद्र के पास मंगलवार को फिर से 5.2 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि भूकंप के बाद आए इस झटके में किसी भी तरह के नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं है।

अफगानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर इंद्रिका रत्वाटे ने कहा कि बचावकर्मी पहाड़ी और दुर्गम इलाके तक पहुंचने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। मंगलवार को जिनेवा में संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने हताहतों की संख्या में वृद्धि की आशंका जताई।

रत्वाटे ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आगे आने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘हम अफगानिस्तान के लोगों को भूल नहीं सकते जो कई संकटों, कई झटकों का सामना कर रहे हैं और अब उनके सहन करने की शक्ति क्षीण हो गई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ये जीवन और मृत्यु के फैसले हैं, जबकि हम लोगों तक पहुंचने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं।’’

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने मंगलवार को बताया कि संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यालय ने संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया को गति देने के लिए अपने आपातकालीन कोष से 50 लाख डॉलर जारी किए हैं और अफगानिस्तान मानवीय कोष से भी 50 लाख डॉलर जारी किए जाएंगे।

इससे पहले, अफगानिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता यूसुफ हम्माद ने बताया, ‘‘घायलों को निकाला जा रहा है, इसलिए ये आंकड़े बदल सकते हैं।’’

उन्होंने बताया, ‘‘भूकंप के कारण कुछ इलाकों में भूस्खलन हुआ, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो गईं, लेकिन उन्हें फिर से खोल दिया गया है और बाकी सड़कों को भी खोल दिया जाएगा ताकि उन इलाकों तक पहुंच आसान हो सके जहां पहुंचना मुश्किल था।’’

ज़्यादातर नुकसान कुनार प्रांत में हुआ है।

तालिबान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील की है। ब्रिटेन ने 10 लाख पाउंड (13 लाख अमेरिकी डॉलर) की आपात धनराशि देने का वादा किया है, जिसे तालिबान सरकार के बजाय मानवीय एजेंसियों के बीच बांटा जाएगा। ब्रिटेन तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देता।

चीन सहित अन्य देशों ने भी आपदा राहत सहायता की पेशकश की है। वर्ष 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से यह तीसरा बड़ा भूकंप है, और अफगानिस्तान के लिए यह नवीनतम संकट है, जो सहायता निधि में भारी कटौती और कमजोर अर्थव्यवस्था से जूझ रहा है।

भारत ने मंगलवार को अफगानिस्तान में भूकंप प्रभावित लोगों की सहायता के लिए 21 टन राहत सामग्री भेजी।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘एक्स’ पर कहा, “भारतीय भूकंप सहायता हवाई मार्ग से काबुल पहुंच रही है।”

उन्होंने कहा कि मंगलवार को कंबल, टेंट, स्वच्छता किट, जल भंडारण टैंक, जनरेटर, रसोई के बर्तन, ‘पोर्टेबल वाटर प्यूरीफायर’, ‘स्लीपिंग बैग’, आवश्यक दवाइयां, व्हीलचेयर, हैंड सैनिटाइज़र, जल शोधन गोलियां और चिकित्सा उपभोग्य सामग्रियों सहित 21 टन राहत सामग्री भेजी गई। (एपी)


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