अंतरराष्ट्रीय
-जैम्स चैटर
पश्चिमी सूडान में मर्रा पर्वत के आस-पास के इलाक़ों में भीषण भूस्खलन में कम से कम 370 लोगों की मौत हो गई है.
संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीबीसी से इस बात की पुष्टि की है.
सूडान में संयुक्त राष्ट्र के डिप्टी ह्यूमैनिटेरियन को-ऑर्डिनेटर अंत्वान गेरार्ड ने बताया कि यह इलाका बेहद दुर्गम है. वहां तक पहुंचना मुश्किल है. इसलिए असल में कितनी मौतें हुई हैं ये पता करना मुश्किल है.
इधर सूडान के विद्रोही संगठन सूडान लिबरेशन मूवमेंट/आर्मी का कहना है कि मरने वालों की संख्या हज़ार से भी ज़्यादा हो सकती है.
संगठन ने दावा किया है कि लगातार कई दिनों की बारिश के कारण रविवार को भूस्खलन हुआ. इससे तारासिन गांव का बड़ा हिस्सा पूरी तरह तबाह हो गया. वहां सिर्फ़ एक व्यक्ति जीवित बचा है.
गेरार्ड ने बताया कि दुर्गम इलाका होने की वजह से तुरंत राहत पहुंचाना मुश्किल होगा.
संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों का कहना है कि न तो हेलीकॉप्टर उपलब्ध हैं और न ही सड़क मार्ग से प्रभावित इलाकों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है.
ख़राब मौसम और अस्थिर सुरक्षा हालात की वजह से भी मदद पहुंचाने में बड़ी बाधा आ रही है. (bbc.com/hindi)


