अंतरराष्ट्रीय

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने अदालत की अवमानना के एक मामले में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को छह महीने की जेल की सजा सुनाई है.
पिछले साल जुलाई में बांग्लादेश में तत्कालीन सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों के बाद शेख़ हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी थी. उसके बाद यह पहली बार है जब शेख हसीना को किसी मामले में सजा सुनाई गई है.
मामले में एक और अभियुक्त शकील अकंद बुलबुल को दो महीने की कैद की सजा सुनाई गई है.
मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "यह सजा उस दिन से प्रभावी होगी जिस दिन वे (शेख हसीना) आत्मसमर्पण करेंगी या पुलिस उन्हें गिरफ़्तार करेगी."
इससे पहले मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने शेख हसीना के ख़िलाफ़ अदालत की अवमानना की शिकायत दर्ज की थी.
सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें कथित तौर पर शेख हसीना को ये कहते सुना गया, "मेरे ख़िलाफ़ 227 केस दर्ज़ हैं मतलब मेरे पास 227 लोगों को मारने का लाइसेंस है."
मुख्य अभियोजक ने दावा किया कि यह बातचीत एआई की नहीं थी.
इस्लाम ने कहा, "सीआईडी फोरेंसिक रिपोर्ट का विश्लेषण करने और सभी की दलीलें सुनने के बाद अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि इस विवादास्पद बातचीत के माध्यम से शेख हसीना ने उन लोगों हत्या की और उनके घरों को जलाया जो गवाह या जांच अधिकारी थे और मुकदमे की प्रक्रिया में शामिल थे."
"ये अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण अधिनियम के तहत इस न्यायाधिकरण की लंबित कार्यवाही को प्रभावित करने का अपराध है." (bbc.com/hindi)