अंतरराष्ट्रीय
-योगिता लिमये
अफ़ग़ानिस्तान की 80 से ज़्यादा लड़कियां हायर एजुकेशन के लिए तालिबान शासन से भागकर ओमान गई थीं, मगर अब उन पर अफ़ग़ानिस्तान लौटने का ख़तरा मंडरा रहा है.
इसकी वजह अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप का वो फ़ैसला है, जिसमें उन्होंने विदेशी सहायता कार्यक्रम के लिए दिए जाने वाले धन पर रोक लगाने की बात कही है.
इन छात्राओं को यूएस एजेंसी फ़ॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट के तहत स्कॉलरशिप मिलती थी. मगर, राष्ट्रपति ट्रंप के फ़ैसले के बाद उनकी स्कॉलरशिप समाप्त कर दी गई.
एक छात्रा ने पहचान ना ज़ाहिर करने की शर्त पर बीबीसी से कहा, “यह दिल तोड़ देने वाली बात थी”.
“हर कोई हैरान था और रो रहा था. हमें कहा गया कि हमें अगले दो सप्ताह में वापस भेज दिया जाएगा.”
लगभग चार साल पहले अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर तालिबान काबिज़ हुआ था. तब तालिबान ने महिलाओं पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे. इसमें छात्राओं के यूनिवर्सिटीज़ में प्रवेश पर प्रतिबंध भी लगाया गया था.
ट्रंप प्रशासन के सहायता पर रोक लगाने के फ़ैसले को कुछ क़ानूनी बाधाओं का सामना करना पड़ा है.
मगर, व्हाइट हाउस के यूएसएड को समाप्त करने और ख़र्च में अरबों डॉलर की कटौती करने के बाद दुनियाभर में हज़ारों मानवीय कार्यक्रम बंद हो चुके हैं. (bbc.com/hindi)