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जर्मनी में आज मतदान, सरकार बनने में लग सकते हैं कई हफ्ते
23-Feb-2025 12:51 PM
जर्मनी में आज मतदान, सरकार बनने में लग सकते हैं कई हफ्ते

जर्मनी में आज संसदीय चुनाव के लिए मतदान हो रहा है. नतीजे आने के बाद भी सरकार बनने में काफी वक्त लग सकता है. जानिए, किन पार्टियों की क्या स्थिति है.

(dw.com/hi)

जर्मनी में आज (23 फरवरी)संसदीय चुनाव के लिए मतदान है. मतदान से एक दिन पहले जारी पोल्स में मुख्य विपक्षी दल सीडीयू/सीएसयू 29.5 प्रतिशत वोटों के अनुमान के साथ पहले नंबर पर है. संभावित तस्वीरों में, एक स्थिर सरकार बनाने के लिए सीडीयू/सीएसयू को दो गठबंधन सहयोगियों की जरूरत होगी.

गठबंधन के लिए पार्टियों के बीच बातचीत और समझौते में कई हफ्ते लग सकते हैं. पिछले चुनाव में मतदान के 73 दिन बाद ओलाफ शॉल्त्स के नेतृत्व में तीन दलों की गठबंधन सरकार का गठन हो पाया था. 

गठबंधन सरकार में कितने पार्टनर? 
रिसर्च इंस्टिट्यूट 'आईएनएसए' ने 22 फरवरी को मतदान से पहले का अपना आखिरी पोल जारी किया. इसमें सीडीयू/सीएसयू को मिल रहे मत पिछले सर्वे के मुकाबले 0.5 प्रतिशत कम हुए हैं. सीडीयू/सीएसयू की ओर से फ्रीडरिष मैर्त्स की चांसलर पद पर दावेदारी मजबूत मानी जा रही है.

हालांकि संसद के निचले सदन 'बुंडेसटाग' में बहुमत हासिल करने के लिए उन्हें कम-से-कम एक और पार्टी का समर्थन चाहिए होगा. पोल्स में 21 प्रतिशत वोटों के साथ एएफडी दूसरे स्थान पर, एसपीडी 15 फीसदी मतों के साथ तीसरे और 12.5 प्रतिशत वोटों के साथ ग्रीन पार्टी चौथे नंबर पर हैं.

शॉल्त्स सरकार में घटक दल रहा एफडीपी, जिसके नेता क्रिस्टियान लिंडनर सरकार में इकॉनमी मिनिस्टर थे, उसे 4.5 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है. संसद में प्रवेश के लिए पार्टियों को न्यूनतम पांच फीसदी वोट चाहिए. यानी, मुमकिन है कि एफडीपी बुंडेसटाग में भी ना पहुंच पाए. जारा वागनक्नेष्ट की पार्टी बीएसडब्ल्यू को पांच प्रतिशत मत मिलने का अनुमान है.

लेफ्ट पार्टी और बीएसडब्ल्यू के वोट अहम साबित होंगे?
जहां तक चुनाव बाद के गठबंधन की बात है, तो मैर्त्स एएफडी के साथ काम करने की संभावनाओं से इनकार कर चुकी है. हालांकि, एसपीडी या ग्रीन्स में से किसी एक के साथ दो-दलीय गठबंधन की संभावनाएं इस बात पर भी निर्भर करेंगी कि लेफ्ट पार्टी (डी लिंके) और बीएसडबल्यू को कितने वोट मिलते हैं.

अगर इनमें से कोई भी पार्टी पांच प्रतिशत वोट मार्के पर पहुंचती है, तो बुंडेसटाग में सीटों के वितरण पर असर पड़ सकता है. ऐसे में मैर्त्स को एक की जगह दो पार्टियों के साथ मिलकर सरकार का गठन करना पड़ सकता है. इस सूरत में घटक दलों के बीच नीतिगत मुद्दों पर सहमति बिठा पाना चुनौती होगी. इसका असर सरकार की स्थिरता पर भी पड़ सकता है. शॉल्त्स की तीन दलों की गठबंधन सरकार में भी लगातार टकराव और असहमति की स्थिति बनती रही और सरकार अपना तय कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई.

आरएस/एसएम (डीपीए) 


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