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होम्स शहर पर कब्ज़ा विद्रोहियों के लिए क्यों है अहम?
08-Dec-2024 9:45 AM
होम्स शहर पर कब्ज़ा विद्रोहियों के लिए क्यों है अहम?

-ह्यूगो बशेगा

सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद का विरोध कर रहे विद्रोहियों के लिए होम्स शहर पर कब्ज़ा करना उनके लिए बेहद अहम पल है

इसके साथ ही उन्होंने राजधानी दमिश्क को दूसरे शहरों से अलग-थलग कर दिया है, जो फिलहाल सीरिया में बशर अल-असद की सत्ता का केंद्र बना हुआ है.

विद्रोही उत्तर, पूर्व और दक्षिण की तरफ से आगे बढ़ रहे हैं और सरकारी सेना के लिए उन्हें रोकना मुश्किल हो रहा है. अन्य जगहों पर सेना असमर्थ रही है.

कुछ क्षेत्रों में सेना में विद्रोही लड़ाकों को रोकने की इच्छा की कमी भी दिखी, कहीं सैनिकों ने पाला बदल लिया तो कहीं पर उन्होंने अपनी जगह छोड़ दी. हालांकि अब तक ये स्पष्ट नहीं है कि क्या विद्रोही मज़बूत विरोध के बिना आगे बढ़ना जारी रखेंगे.

इससे पहले, दमिश्क के एक उपनगर में विद्रोहियों ने राष्ट्रपति के पिता हाफ़िज़ अल-असद की मूर्ति को गिरा दिया था. नाराज़गी का इस तरह का नज़ारा कुछ वक्त पहले तक कल्पना से परे था. इसका ये इशारा है कि शहर के भीतर भी इस तरह की अशांति हो सकती है.

विद्रोहियों के लिए होम्स एक प्रतीकात्मक जीत है. 2011 में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों और उसके बाद गृह युद्ध के दौरान ये शहर विपक्ष का गढ़ हुआ करता था. ये वो वक्त था जब असर सरकार ने सत्ता के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों पर दमनात्मक कार्रवाई शुरू की थी.

तीन साल तक होम्स के कुछ हिस्सों की घेराबंदी की गई थी. फिर 2015 में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाले एक समझौते के बाद पूरे शहर को सरकार ने अपने कब्ज़े में ले लिया.

सीरिया में कई लोगों के लिए राष्ट्रपति बशर अल-असद का पतन खुशी की बात होगी और ये भी संभव है कि उनका पतन अब कुछ ही वक्त की बात है. लेकिन आगे क्या होगा, यह अभी भी एक बड़ा सवाल है.

सीरिया में इस विद्रोह का नेतृत्व हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएएस) नाम का ग्रुप कर रहा है. इस समूह की जड़े अल-क़ायदा से जुड़ी हैं.

हालांकि बीते वक्त में ये समूह खुद को एक राष्ट्रवादी ताकत के रूप में फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रहा है. 

लेकिन कई लोग इससे सहमत नहीं हैं. उनका कहना है कि यह एक अत्यंत हिंसक समूह हैं और वो इस बात से चिंतित हैं कि आगे क्या होगा. (bbc.com/hindi)


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