अंतरराष्ट्रीय
-नादा तौफ़ीक
इसराइल और हमास के बीच पिछले कई हफ़्तों से जारी भीषण युद्ध पर लाए गए प्रस्ताव पर आज संयुक्त राष्ट्र में मतदान होने जा रहा है.
पिछले कई दिनों से इस प्रस्ताव की भाषा को लेकर खींचतान जारी थी.
संयुक्त अरब अमीरात शुरुआत में अपने ड्राफ़्ट रिजॉल्युशन (प्रस्ताव) पर रविवार को मतदान कराना चाहता था.
लेकिन अमेरिका की ओर से वीटो लगाए जाने की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए पिछले कुछ दिनों में इसे कई बार टाला गया. मंगलवार तक इस पर चर्चाएं जारी रहीं.
लेकिन तब तक संयुक्त राष्ट्र में इसे लेकर सकारात्मकता में कमी आने लगी. अमेरिकी सहमति के लिए ड्राफ़्ट में कई बदलाव भी किए गए.
लेकिन आख़िर में ये पता चला कि अमेरिका ग़ज़ा पहुंचने वाली मदद की निगरानी रखने के लिए सयुंक्त राष्ट्र की ओर से व्यवस्था किए जाने के ख़िलाफ़ था.
ऐसे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य इसराइल – हमास युद्ध पर अपने कदम पर अमेरिका की ओर से तीसरे वीटो के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं.
अमेरिका और ब्रिटेन ने इस मामले में अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है. लेकिन बीबीसी को लगता है कि इस प्रस्ताव को सुरक्षा परिषद में भारी समर्थन मिलेगा.
इसके बाद हमें सुरक्षा परिषद के सदस्यों के भाषणों में निराशा, खेद और नाराज़गी का मिश्रण देखने को मिल सकता है. (bbc.com/hindi)


