अंतरराष्ट्रीय
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को नए कोविड-19 वैरिएंट जेएन.1 को “वैरिएंट ऑफ़ इंटरेस्ट" बताया और कहा कि सबूतों से पता चलता है कि इस स्ट्रेन से लोगों के स्वास्थ्य को कम खतरा है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, दो जानकारों ने बताया कि ये स्ट्रेन कोविड-19 के बाकि वैरिएंट की तुलना में इम्यून सिस्टम को आसानी से भेद सकता है लेकिन अब तक ऐसे कोई साक्ष्य नहीं सामने आए हैं जिससे ये माना जाए कि इस वैरिएंट से गंभीर खतरा है.
जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक वायरोलॉजिस्ट एंड्रयू पेकोज़ ने रॉयटर्स से कहा है कि वेरिएंट के मामले अधिक हो सकते हैं लेकिन इससे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा नहीं है.
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि जेएन.1 के गंभीर संक्रमण में मौजूदा टीके प्रभावी नहीं होंगे.
भारत के केरल में इस नए वैरिएंट के मामले सामने आए हैं.
हालांकि नए वैरिएंट के कितने मामले हैं इसका सटीक पता नहीं लगाया जा सका है क्योंकि ये वैरिएंट जीनोम सीक्वेसिंग में ही सामने आ पाएगा और जिनोम सीक्वोंसिंग बेहद कम सैंपल की जाती है. हालांकि राज्य में कोरोना के मामले बीते कुछ दिनों से बढ़ रहे है.
केरल में 79 साल की बुजुर्ग महिला में सबसे पहले जेएन.1 का संक्रमण पाया गया. (bbc.com/hindi)


