अंतरराष्ट्रीय
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने यूक्रेन-रूस के बीच हुए उस मिरर समझौते को आगे बढ़ाने की घोषणा की है, जिसके तहत यूक्रेन युद्ध के बीच वैश्विक बाज़ारों में अनाज का निर्यात करता है.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार, अर्दोआन ने कहा, ''हमारे देश के प्रयासों, रूसी दोस्तों के समर्थन और यूक्रेनी साथियों के योगदान के साथ, काला सागर अनाज सौदे को दो और महीनों के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया है.''
''रूस इस बात को लेकर मान गया है कि वह यूक्रेन के दो बंदरगाहों से निकलने वाले जहाज़ों को नहीं रोकेगा.''
अर्दोआन ने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि यह सौदा सभी पक्षों के लिए फ़ायदेमंद होगा.
उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को समझौते के विस्तार के लिए धन्यवाद भी किया.
पिछले साल फ़रवरी में रूस के आक्रमण से पहले यूक्रेन दुनिया के प्रमुख अनाज निर्यातकों में से एक था.
इसे फ़ैसले से युद्ध के बीच यूक्रेन में लाखों टन अनाज को निर्यात करता रहेगा. रूस ने कहा था कि वह समुद्र के रास्ते अनाज की ढुलाई करने वाले मालवाहक जहाजों पर हमले नहीं करेगा.
वह उन बंदरगाहों पर भी हमले नहीं करेगा, जहाँ से अनाज की सप्लाई हो रही है. संयुक्त राष्ट्र ने इसे ऐतिहासिक समझौता क़रार दिया था. समझौते के तहत यूक्रेन भी कुछ शर्तें मानने को तैयार हो गया था. इसके तहत उसे खाद्यान्न सप्लाई ले जाने वाले जलपोतों की जाँच की अनुमति देनी होगी. जाँच के दौरान यह देखा जाएगा कि कहीं इनके ज़रिए हथियारों की सप्लाई तो नहीं की जा रही है.
पिछले साल 24 फ़रवरी को रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद दुनिया भर में शुरू हुए खाद्यान्न संकट के चलते लाखों लोगों पर भूख का ख़तरा मंडराने लगा था. (bbc.com/hindi)