अंतरराष्ट्रीय

अमेरिका में पहली बार किसी पूर्व राष्ट्रपति पर आपराधिक धाराएं लगाई गई हैं. चुनाव अभियान के दौरान पॉर्न स्टार को दी गई पेमेंट मामले में डॉनल्ड ट्रंप खुद को बेकसूर बता रहे हैं.
न्यूयॉर्क में बिजनेस रिकॉर्ड्स में गलत जानकारी भरना एक मामूली गलती है. इसके लिए सजा नहीं है. लेकिन इस गलती के आधार पर कोई और अपराध किया जाए तो मामला संगीन हो जाता है. फिर यह ऐसे अपराध की श्रेणी में आता है जिसके लिए कम से कम एक साल की सजा हो. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पर अभियोजन पक्ष ने यही आरोप लगाया है. मंगलवार को मैनहटन की अदालत में ट्रंप पर 34 आपराधिक धाराओं के तहत आरोप तय कर दिए गए.
कैसे फंसे ट्रंप
मामला 2016 के ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव अभियान से जुड़ा है. अभियान से ठीक पहले ट्रंप की छवि बचाने के लिए उनके वकील माइकल कोहेन ने एक पॉर्न स्टार को 1,30,000 डॉलर की पेमेंट की. यह पैसा पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डैनियल्स को चुप रहने के लिए दिया गया. स्टॉर्मी डैनियल्स का दावा है कि 2007 में ट्रंप ने उनके साथ यौन संबंध बनाए. ट्रंप की टीम को डर था चुनाव अभियान के दौरान अगर ये मामला उछला तो "मेक अमेरिका ग्रेट अगेन" का नारा देने वाले नेता को नुकसान हो सकता है.
इस पेमेंट को ट्रंप की फैमिली रियल एस्टेट कंपनी के बिजनेस रिकॉर्ड में कानूनी फीस बताकर दर्ज किया गया. अभियोजन पक्ष का आरोप है कि बिजनेस रिकॉर्ड में यह गलत जानकारी इसलिए भरी गई ताकि, चुनाव अभियान के दौरान दावेदारी प्रभावित न हो. यह नियमों का उल्लंघन है.
अभियोजन पक्ष का यह भी कहना है कि 1,30,000 डॉलर की रकम, चुनाव अभियान के दौरान कुछ मदों के लिए तय की गई खर्च की सीमा से ज्यादा है. 2018 में कोहेन को फेडरल कैंपेन फाइनेंस लॉ के उल्लंघन का दोषी करार दिया गया. जांच इसके बाद भी जारी रहीऔर पता चला कि राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने कोहेन को कई चेक दिए. ये चेक ट्रंप की संपत्ति हैंडल करने वाली ट्रस्ट और पर्सनल बैंक अकाउंट के थे. चेकों को "कानूनी शुल्क" बताया गया. जांच के दौरान कोहेन ने कहा कि ये चेक, असल में स्टॉर्मी डैनियल्स को की गई पेमेंट को चुकाने के लिए थे.
खुद को बेकसूर बताते ट्रंप
पांच साल तक कभी तेज कभी सुस्त रफ्तार से चली जांच के बाद न्यूयॉर्क के अभियोजन पक्ष ने ट्रंप को अदालत तक बुला ही लिया. शुरुआत में कोर्ट में पेश होने में आनाकानी करने और अपने समर्थकों से अमेरिका की खातिर खड़े रहने की अपील करने वाले ट्रंप 4 अप्रैल को आखिरकार कोर्ट के सामने पेश हो ही गए. अमेरिका में यह पहला मौका है जब राष्ट्रपति रह चुके किसी शख्स को आपराधिक मामले में अदालत के सामने पेश होना पड़ा है.
बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की जिरह के दौरान, ट्रंप ने खुद को कसूरवार मानने से इनकार किया. ट्रंप और उनके रिपब्लिकन समर्थकों का आरोप है कि अभियोजन पक्ष राजनीति से प्रेरित है. 2024 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं, ट्रंप फिर मैदान में उतरने का एलान कर चुके हैं. उनकी टीम का कहना है कि ट्रंप के चुनाव अभियान को लड़खड़ाने के लिए ही यह अदालती कार्रवाई की जा रही है.
कितना मजबूत है ट्रंप पर लगा अभियोग
इस मामले से किसी तरह नहीं जुड़े कानून विशेषज्ञों के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति पर लगाया गया अभियोग फिलहाल बहुत मजबूत नहीं दिख रहा है. अभी तक ऐसा कोई ठोस सबूत सार्वजनिक नहीं किया गया है जो निर्णायक लग रहा हो. अभियोग के तहत लगाई गई 34 धाराओं में अपराधों और उनसे जुड़े खास बिंदुओं का जिक्र भी नहीं किया गया है.
मैनहटन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के पूर्व अभियोजक, मार्क बेडेरो कहते हैं, "मुझे उम्मीद थी कि उनके पास एक स्पष्ट, सटीक और भरोसा करने लायक तार्किक थ्योरी है, जो बताती कि अपराध को छुपाने की मंशा थी, अपराध क्या था और इसे इस तरह अंजाम दिया गया. आपको यहां ये चीजें नहीं दिख रही हैं."
डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के एक और पूर्व सदस्य जेरेमी सैलैंड के मुताबिक, अभियोजन पक्ष को बहुत ही सावधान रहना होगा क्योंकि "वे जानते हैं कि इस धाराओं के कारण उनके सामने एक बहुत ही लंबा रास्ता है."
ट्रंप के चुनाव अभियान का क्या होगा
अदालती कार्रवाई के बाद ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया बेवसाइट पर लिखा, "कुछ भी गैरकानूनी तरीके से नहीं किया गया है." अमेरिका में पॉर्न स्टार से सेक्स करना और चुप रहने के लिए पैसा देना गैरकानूनी नहीं है. लेकिन इस फेडरल कैंपने फाइनेंस लॉ के तहत बनी प्रक्रिया में इस जानकारी को छुपाना, उल्लंघन के दायरे में आ सकता है.
कई विश्लेषकों को लगता है कि डॉनल्ड ट्रंप इस मुकदमे के जरिए खुद को फायदा पहुंचाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. वह ये दिखाने की जुगत में हैं कि अमेरिका को बचाने वाले नेता को तबाह करने के लिए विरोधी किस हद तक जा सकते हैं. 2024 के राष्ट्रपति चुनावों के लिए अभियान कुछ महीनों में शुरू होने वाला है.
मैनहटन की अदालत में ट्रंप के वकील इस मुकदमों को रद्द करने या ज्यादा से ज्यादा लंबा खींचने की कोशिश करते रहेंगे. न्यूयॉर्क के नए कानूनी सुधार के तहत अभियोजन पक्ष को 35 दिन के भीतर "डिस्कवरी" कही जाने वाली जांच प्रक्रिया पूरी करनी होगी. वहीं बचाव पक्ष के पास ट्रायल से पहले ही मोशन अधिकार के तहत मुकदमे को रद्द करवाने के लिए 45 दिन का समय है.
अमेरिकी कानून में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि अदालत में दोषी साबित किया गया शख्स राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकता है या नहीं. अगर ट्रंप तीसरी बार राष्ट्रपति चुनाव लड़ते हैं और जीतते हैं, तो विशेषाधिकार के तहत वे सजा से बच जाएंगे.
ओएसजे/सीके (रॉयटर्स, एपी, एएफपी)