अंतरराष्ट्रीय
नॉर्वे की नोबल कमिटी के डिप्टी लीडर एस्ले टोजे का पीएम मोदी को नोबेल पुरस्कार का मज़बूत दावेदार बताने वाली ख़बर को लेकर एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में एस्ले टोजे एक ख़बर को फ़र्ज़ी बताते हुए दिख रहे हैं. टोजे का कहना है कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ये वीडियो डालते हुए लिखा है, ''नॉर्वे के नामी अकादमिक एस्ले टोजे भारत के दौरे पर हैं. मैं इस बात से थोड़ा उलझन में था कि उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी नोबेल शांति पुरस्कार के मज़बूत दावेदार हैं. डॉक्टर टोजे ने इसे पूरी तरह ख़ारिज कर दिया है.''
उन्होंने आरोप लगाया, ''उनका 'बयान' गोदी मीडिया में दिखाया गया था, लेकिन उसे ख़ारिज करना नहीं दिखाया गया.''
इस वीडियो में एस्ले टोजे समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते दिख रहे हैं. वह कह रहे हैं, ''मैं भारत में नोर्वे नोबेल कमिटी के डिप्टी लीडर के तौर पर नहीं आया हूं. मैं यहां इंटरनेशनल पीस और अंडरस्टेंडिंग के डायरेक्टर और इंडिया सेंटर फ़ाउंडेशन के दोस्त के तौर पर यहां हूं.''
''मैं भारत में राजनीतिक और विकास को लेकर बात करने के लिए आया हूं. एक फ़र्ज़ी ट्वीट चल रहा है जिसे फ़र्ज़ी ख़बर ही मानना चाहिए. हमें इस पर ऊर्जा और समय नष्ट नहीं करना चाहिए. मैं साफ़तौर पर इसे ख़ारिज करता हूं कि उस ट्वीट में जो है मैंने उससे जुड़ा कुछ नहीं कहा.''
हालांकि, एस्ले टोजे ने यूक्रेन-रूस मामले में पीएम मोदी के उस बयान की तारीफ़ की जिसमें उन्होंने रूसी राष्ट्रपति से कहा था कि ''ये युद्ध का समय नहीं है.''
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक एस्ले टोजे ने कहा था, ''पीएम मोदी का ये बयान उम्मीद की किरण है. भारत ने ये संकेत दिए हैं कि आज के समय में हमें विवादों को ऐसे नहीं सुलझाना चाहिए.''
''भारत चिल्लाकर नहीं बोलता और किसी को धमकी नहीं देता, वो दोस्ताना तरीक़े से अपनी बात रख देता है. भारत दुनिया की प्रमुख शक्तियों में से एक है.'' (bbc.com/hindi)