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बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भीषण विस्फोट, 15 की मौत
08-Mar-2023 8:57 AM
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भीषण विस्फोट, 15 की मौत

बांग्लादेश की राजधानी ढाका के गुलिस्तां इलाके के पास मंगलवार को हुए एक विस्फोट में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और सौ से ज्यादा लोग घायल हो गए.

ये घटना ढाका के नॉर्थ साउथ रोड के सिद्दीकी बाजार में शाम करीब पांच बजे हुई. मृतकों में नौ पुरुष और दो महिलाएं हैं. घायलों को ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

विस्फोट के समय बीबीसी बांग्ला के संवाददाता शाहनवाज रॉकी उसी रास्ते से गुजर रहे थे. वो जिस वाहन पर सवार थे वह विस्फोट के समय मौके से सिर्फ सौ मीटर दूर था.

शाहनवाज ने मौके से बताया है कि विस्फोट के बाद एक सात मंजिला इमारत का मलबा आसपास के इलाके में बिखर गया. विस्फोट की वजह से सड़क से गुजर रही एक बस के तमाम शीशे टूट कर बिखर गए और उसमें सवार कई यात्री घायल हो गए.

इसके अलावा उस इमारत के सामने खड़े कई वैन और रिक्शा चालक और आम लोग घायल हो गए.

बीबीसी संवाददाता ने बताया है कि कैफे क्वीन नामक उस इमारत और उसके आसपास के इलाको में ज्यादातर सैनिटरी के सामान की दुकानें हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि उस इमारत के ऊपरी हिस्से में कुछ दफ्तर और आवासीय फ्लैट भी थे.

कई लोग मलबे से निकाले गए
शाहनवाज रॉकी ने बताया है कि विस्फोट से वहां खड़े कुछ रिक्शा और वैन चालक भी घायल हो गए हैं. बीबीसी संवाददाता ने देखा कि घायलों को एक छोटे ट्रक के जरिए अस्पताल पहुंचाया जा रहा है. विस्फोट के बाद हजारों लोग मौके पर जुट गए हैं. जिस इमारत में विस्फोट हुआ वहां टाइल्स और सेनेटरी सामान बेचने वाली एक दुकान थी.

फायर सर्विसेज कंट्रोल रूम के अधिकारी राशिद बिन खालिद ने बताया, "विस्फोट की खबर मिलते ही मौके पर पहुंची फायर सर्विसेज की टीम ने वहां से चार शव बरामद किए और कई घायलों को बचाया. घायलों को अस्पताल भेजा जा रहा है."

लेकिन ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निदेशक ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद नजमुल हक ने बताया, "मैंने कम से कम छह शव देखे हैं. हमारे अस्पताल में फिलहाल सौ लोगों का इलाज चल रहा है. अब भी कई घायल अस्पताल पहुंच रहे हैं. उनको मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है. इसलिए अस्पताल के तमाम डॉक्टरों को आपात स्थिति से निपटने के लिए बुला लिया गया है."

चश्मदीद ने क्या बताया?
फायर सर्विसेज के अधिकारी फिलहाल यह नहीं बता सके है कि कैसे और क्यों विस्फोट हुआ.

विस्फोट के एक प्रत्यक्षदर्शी ने पत्रकारों को बताया, "मैं ब्रेक बैंक के पास खड़ा था. अचानक एक तेज धमाका सुन कर मैंने इमारत के सामने पहुंच कर देखा कि उससे काफी मात्रा में धुआं निकल रहा है. वहां से निकले लकड़ी और ईंट के टुकड़े सामने खड़े लोगों के शरीर पर लगे. कुछ लोग मलबे के नीचे दब गए हैं. इमारत के सामने खड़ी वैन के कुछ चालक दीवार के नीचे दब गए हैं. सामने की सड़क पर ट्रैफिक में फंसी एक बस के एक तरफ के तमाम शीशे टूट गए. बस यात्रियों में से ज्यादातर घायल हो गए हैं."

उसका कहना था कि इमारत के सामने कई लोग घायल पड़े हैं. उनके शरीर से खून बह रहा है. आसपास के लोग मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं.

बीते रविवार को ढाका के साइंस क्लब इलाके में ऐसे ही एक विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी और कम से कम 14 घायल हो गए थे. शनिवार को चटगांव के सीता कुंड में एक ऑक्सीजन कारखाने में विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी.

कई विस्फोट, जांच पूरी नहीं

बांग्लादेश में बीते एक महीने के दौरान ढाका समेत विभिन्न शहरों में कई विस्फोट हो चुके हैं.

बीते कुछ वर्षों के दौरान ऐसी कई घटनाएं सुर्खियों में रही हैं. लेकिन ऐसे तमाम मामलों में जमी हुई गैस को ही विस्फोट की वजह बताया जा रहा है.

इनमें से कुछ घटनाओं की जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी है. अब तक जितनी जांच रिपोर्ट सामने आई है उनमें विस्फोट के लिए मूल रूप से इमारत या संस्थान के मालिको को ही जिम्मेदार ठहराया गया है. ऐसी घटनाओं की जांच के दौरान संबंधित अधिकारियों की लापरवाही सामने आने के बावजूद उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. ज्यादातर मामलों में इमारत के मालिको पर ही जिम्मेदारी थोप दी जाती है.

फायर सर्विसेज का दावा है कि आम लोगों के सचेत नहीं रहने के कारण ही बार-बार ऐसी घटनाएं हो रही हैं. इन दुर्घटनाओं को रोकना संभव नहीं हो रहा है.

सिद्दीकी बाजार की यह घटना वर्ष 2021 में 27 जून को मोग बाजार में हुए विस्फोट से मिलती-जुलती है. उस घटना में इमारत के नीचे कोई गैस कनेक्शन नहीं मिला था. गैस सिलेंडर भी सही-सलामत था. उस समय विशेषज्ञों ने कहा था कि उनको वहां से मीथेन गैस का पता चला था जो शायद सीवेज पाइपलाइन से लीक हुई हो सकती है.

इसके अलावा नारायणगंज में चार सितंबर, 2020 को फतुल्ला में एक मस्जिद में हुए विस्फोट में 34 लोगों की मौत हुई थी.

उस घटना की जांच करने वाली सीआईडी ने विस्फोट के कारण की जानकारी देते हुए बताया था कि मस्जिद के भीतर गैस और बिजली का अवैध कनेक्शन था. गैस लाइन में रिसाव से निकलने वाली गैस के बिजली के संपर्क में आने की वजह से ही विस्फोट हुआ था. (bbc.com/hindi)

 


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