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जापान की स्पेस एजेंसी ने कहा है कि लॉन्च के दूसरे चरण में इंजन चालू न हो पाने के कारण उनका नया रॉकेट लॉन्च नहीं हो पाया है. ये दूसरी बार है जब ये रॉकेट लॉन्च नाकाम हुआ है.
कमांड सेंटर ने कहा कि 57 मीटर लंबा ये रॉकेट सफलतापूर्वक तानेगाशिमा स्पेस पोर्ट से उड़ा था लेकिन कुछ मिनट बाद इसकी गति धीमी होने लगी जिसके बाद उसे 'सेल्फ़ डिस्ट्रक्शन' (खुद को नष्ट करने) का आदेश दिया गया.
जापानी स्पेस एजेंसी के प्रमुख हिरोशी यामाकावा ने इसके लिए माफ़ी मांगी है और कहा है कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी.
जानकारों का कहना है कि जापानी स्पेस एजेंसी के लिए ये एक बड़ा झटका है.
वहीं जापान की सरकार ने इसे 'दुर्भाग्यपूर्ण' कहा है.
जापान क़रीब तीन दशक के बाद अपना पहला मीडियम-लिफ्ट रेंज का रॉकेट एच-3 लॉन्च कर रहा था.
ये रॉकेट निगरानी के लिए बनी एएलओएस-3 सैटेलाइट लेकर जा रहा था. जापान का कहना था कि ये सैटेलाइट उत्तर कोरिया के मिसाइल लॉन्च पर नज़र रख सकेगा.
जापान के मीडियम-लिफ्ट रेंज एच3 रॉकेट को अमेरिकी कंपनी स्पेसएक्स के फाल्कन-9 का प्रतिद्वंदी माना जा रहा था. फाल्कन-9 के मुक़ाबले इसके ज़रिए उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने की क़ीमत कम हो जाएगी.
ये दूसरी बार है जब ये रॉकेट लॉन्च नहीं हो सका है. फरवरी में इसे लॉन्च करने की कोशिश उस वक्त नाकाम हो गई थी जब रॉकेट बूस्टर्स में ख़राबी के कारण रॉकेट लिफ्ट-ऑफ़ ही नहीं कर सका था. (bbc.com/hindi)