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BBC
इसराइल में न्यायपालिका में सरकार के लाए जा रहे सुधारों के ख़िलाफ़ 80 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने राजधानी तेल अवीव में विरोध प्रदर्शन किया.
इन सुधारों के बाद सरकार के लिए सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसलों को पलटना आसान हो जाएगा.
इसके अलावा न्यायाधीशों की नियुक्ति में नेताओं का प्रभाव बढ़ जाएगा क्योंकि चयन समिति में अधिकतर लोग सत्ताधारी दल के होंगे.
प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू के लाए इन बदलावों को लोकतंत्र के ख़िलाफ़ बता रहे हैं.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक यरुशलम में प्रधानमंत्री आवास के बाहर और उत्तरी शहर हाफिया में भी विरोध प्रदर्शन किए गए.
तेल अवीव में एक बड़ी सड़क को रोकने के चलते प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भी झड़प हो गई.
प्रदर्शनकारी पीएम नेतन्याहू के नेतृत्व में बनी गठबंधन की सरकार का भी विरोध कर रहे थे. इस गठबंधन में धुर दक्षिणपंथी पार्टियां भी शामिल हैं.
दिसंबर में गठबंधन की सरकार के बनने के बाद ये अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है.
आलोचकों का कहना है कि ये सुधार न्यायापालिक की स्वतंत्रता को ख़त्म कर देंगे, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देंगे, अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन करेंगे और इसराइल की न्यायिक व्यवस्था की विश्वसनीयता को नुक़सान पहुंचाएंगे.