अंतरराष्ट्रीय

THE SWEDISH SOLIDARITY COMMITEE FOR ROJAVA
स्वीडन में तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन के पुतले को खंभे से उल्टा टांगने को लेकर तुर्की ने नाराज़गी जताई है.
वहीं, स्वीडन की प्रधानमंत्री ने कहा है कि स्टॉकहोम शहर में तुर्की के राष्ट्रपति का पुतला टांगने वाले नाटो में शामिल होने के स्वीडन के आवेदन को नुक़सान पहुंचाना चाहते हैं.
स्वीडन ने इसे "अपमानजनक" घटना बताया है लेकिन तुर्की का कहना है कि इसकी निंदा करना ही सिर्फ़ काफ़ी नहीं होगा.
तुर्की को स्वीडन के आवेदन को मंज़ूरी देना अभी बाकी है.
अब तुर्की ने ये शर्त रखी है कि स्टॉकहोम में सक्रिय समूहों पर नकेल कसी जाए जिन्हें तुर्की चरमपंथी मानता है. साथ ही वो पुतला टांगने के लिए भी इन समूहों को ज़िम्मेदार मानता है.
राष्ट्रपति अर्दोआन के लटके हुए पुतले की तस्वीरें कुर्द समर्थक समूह स्वीडिश सॉलिडेरिटी कमिटी ने छापा था.
समूह ने अर्दोआन को चेतावनी दी थी कि वो पीछे हट जाएं ताकि वो तकसीम स्क्वेयर पर उलटे ना लटकाए जाएं.
तुर्की के विदेश मंत्री ने इस घटना के लिए कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी और सीरियन कुर्दिश मिलिशिया को ज़िम्मेदार बताया है. तुर्की इन्हें चरमपंथी समूह कहता है.
स्वीडन ने इन दोनों समूहों से खुद को अलग कर लिया है ताकि नाटो के लिए तुर्की का समर्थन मिल सके. (bbc.com/hindi)