अंतरराष्ट्रीय

यूक्रेन, 4 जनवरी । रूस ने कहा है कि यूक्रेन के हमले में बड़ी संख्या में मारे गए रूसी सैनिकों के मामले में 'लापरवाह अधिकारियों' की जवाबदेही तय की जाएगी.
माकिएवका शहर में हुए इस हमले में बड़ी संख्या में सैनिकों की मौत हुई थी.
रूस की सेना की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि वहां मोबाइल फ़ोन के इस्तेमाल पर पाबंदी थी और ये 'साफ़ लगता है कि इस नियम का उल्लंघन हुआ.'
रूस सेना के मुताबिक 'अमेरिका ने यूक्रेन को जो हिमार्स मिसाइलें दी हैं, उनकी रेंज में मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल ख़तरे की वजह बन सकता है. सैनिकों को इस बारे में जानकारी दी गई थी.'
एक जनवरी को हुए इस हमले में रूस के 89 सैनिक मारे गए जिनमें रेजिमेंट के डिप्टी कमांडर भी शामिल हैं.
क्या हुआ था?
यूक्रेन ने एक जनवरी की रात को रूस के कब्ज़े वाले दोनेतस्क इलाक़े के माकिएवका शहर में एक कॉलेज पर रॉकेट हमला किया था. इस कॉलेज में रूसी सैनिक मौजूद थे.
रूस के मुताबिक रात करीब एक बजे अमेरिका निर्मित हिमार्स रॉकेट सिस्टम से कॉलेज पर छह रॉकेट दागे गए थे. इनमें से दो रॉकेट को नष्ट कर दिया गया.
रूसी सेना ने बताया कि सैनिकों ने रोक लगे होने के बावजूद बड़ी संख्या फ़ोन का इस्तेमाल किया था जिससे दुश्मन को उनकी जगह का अंदाज़ा हो गया.
इस हमले में कितने सैनिक मारे गए इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है. रूस और यूक्रेन दोनों ही अलग-अलग आकंड़े बता रहे हैं.
हालांकि, रूस ने माना है कि युद्ध में अब तक हुई मौतों में ये सबसे बड़ा आंकड़ा है.
वहीं, यूक्रेन का कहना है के 400 रूसी सैनिक मारे गए और 300 घायल हुए हैं.
रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस हमले में रेजिमेंट के डिप्टी कमांडर लेफ्टिनेंट करनल बचूरिन की भी मौत हुई है. एक आयोग इस मामले की जांच कर रहा है. (bbc.com/hindi)