अंतरराष्ट्रीय

Twitter/@IsraelMFA
इसराइल और तुर्की के बीच चल रही तनावपूर्ण स्थिति के बाद अब राजनयिक संबंध पूरी तरह बहाल होते दिख रहे हैं.
मंगलवार को तुर्की में इसराइल की राजदूत आइरिट लिलियन ने राष्ट्रपति रेचेप तय्यप अर्दोआन को अपना विश्वास पत्र सौंपा. कई सालों बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्ते फिर से शुरू हुए हैं.
आइरिट लिलियन जनवरी 2021 से तुर्की में उपराजूदत के तौर पर नियुक्त थीं, लेकिन अब विश्वास पत्र देने के बाद उन्हें औपचारिक तौर पर इसराइल के राजदूत का दर्जा दे दिया गया है.
उन्होंने कहा, ''इस मौके ने दिल को उम्मीदों से भर दिया है. हम सभी उम्मीद करते हैं कि इसरायल और तुर्की के बीच राजनीतिक मेल-मिलाप की प्रक्रिया तेज़ होगी और कई क्षेत्रों तक इसका विस्तार होगा.''
इसी महीने इसराइल में भी तुर्की के नए राजदूत साकिर ओज़कान ने अपना विश्वास पत्र सौंपा था.
प्रधानमंत्री पद के लिए नामित बिन्यामिन नेतन्याहू और अर्दोआन के बीच एक नवंबर के चुनाव के बाद बात हुई थी.
इसमें दोनों नेताओं ने पारस्परिक हितों का सम्मान करते हुए साथ मिलकर काम करने पर सहमति जताई थी.
कभी क्षेत्रीय सहयोगी रहे इसराइल और तुर्की के बीच लगभग एक दशक से रिश्तों में तनाव चल रहा था.
गज़ा पट्टी में सहायता के लिए जा रहे एक जहाज़ पर छापेमारी के बाद तुर्की ने साल 2010 में इसराइल के राजदूत को बर्ख़ास्त कर दिया था. इस घटना में 10 तुर्की नागरिक मारे गए थे.
फिर साल 2016 में राजनयिक रिश्ते बहाल हुए. लेकिन, दो साल पहले तुर्की ने अपने राजदूत को इसराइल से वापस बुला लिया था.
ये फ़ैसला गज़ा पट्टी पर इसराइल की ओर से फ़लस्तीनियों के विरोध प्रदर्शन पर की गई फ़ायरिंग के कारण लिया गया था. इसके बाद से दोनों देश एक-दूसरे से संबंध सुधारने की कोशिश कर रहे हैं. (bbc.com/hindi)