अंतरराष्ट्रीय

अफगानिस्तान के हेरात शहर की मस्जिद के बाहर हुए विस्फोट में तालिबान समर्थक एक मौलवी की भी मौत हुई है. इस हमले में कुल 18 लोगों की जान गई है.
अधिकारियों का कहना है कि मुजीब रहमान अंसारी अपने भाई के साथ मारे गए. वे अफगानिस्तान में तालिबान सरकार का समर्थन करने के लिए जाने जाते थे.
इस हमले की निंदा करते हुए तालिबान ने इसे भयावह और कायरतापूर्ण बताया है. तालिबान ने कहा कि अभी तक ये साफ नहीं है कि इस हमले के पीछे कौन है.
तालिबान के एक प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा कि दुर्भाग्य से देश के लोकप्रिय मौलवी मुजीब रहमान अंसारी जुमे की नमाज के दौरान कायरतापूर्ण हमले में शहीद हो गए. इस्लामिक अमीरात उनकी शहादत पर गहरा दुख व्यक्त करता है. घटना के पीछे अपराधियों को उनके इस जघन्य अपराध के लिए सजा दी जाएगी.
पुलिस के मुताबिक मुजीब रहमान अंसारी शुक्रवार दोपहर की नमाज अदा करने के लिए गजरगाह मस्जिद पहुंच रहे थे, तभी एक आत्मघाती हमलावर ने मौलवी का हाथ चूमा और खुद को उड़ा लिया.
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार मौलवी मुजीब रहमान ने तालिबान के सत्ता संभालने के बाद कहा ता कि तालिबानी झंडा आसानी से नहीं फहराया गया है और इसे आसानी से नहीं उतारा जाएगा.
फिलहाल हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है, लेकिन आतंकवादी इस्लामिक स्टेट (आईएस) पहले कई बार उनके लिए धमकी देने वाले वीडियो जारी कर चुका है. (bbc.com/hindi)