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बोरिस जॉनसन के भारत में जेसीबी बुलडोज़र पर चढ़ने को लेकर क्यों भड़कीं ब्रितानी सांसद
30-Apr-2022 4:45 PM
बोरिस जॉनसन के भारत में जेसीबी बुलडोज़र पर चढ़ने को लेकर क्यों भड़कीं ब्रितानी सांसद

ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी की सांसद नाडिया व्हाइटोम ने गुरुवार को ब्रिटिश संसद में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की हालिया भारत यात्रा पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या बुलडोज़र के साथ फोटो खिंचवाकर पीएम जॉनसन ने भारत की बीजेपी सरकार के बुलडोज़र का इस्तेमाल कर मुस्लिमों के घर ढहाने के क़दम को वैध ठहराने की कोशिश की.

नाडिया व्हाइटोम ने संसद में कहा, ''प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन हाल में भारत दौरे के दौरान जेसीबी पर चढ़ कर फोटो खिंचवाते हैं. जबकि उससे कुछ दिन पहले जेसीबी का इस्तेमाल करके बीजेपी सरकार ने कई मुस्लिमों की दुकान और घर ढहाए. भारत के कई राज्यों में भी सरकारों ने बुलडोज़र का इस्तेमाल करके ऐसे ही मुसलमानों की संपत्तियों और घरों को निशाना बनाया है. मैं प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से पूछती हूं कि क्या उन्होंने पीएम मोदी से ये सवाल पूछा और अगर नहीं पूछा तो क्यों?"

उन्होंने आगे कहा, ''साथ ही पीएम जॉनसन ऐसा करके क्या भारत की अति-दक्षिणपंथी सरकार की बुलडोज़र कार्रवाई को जायज़ ठहरा रहे हैं?''

इसके बाद जहांगीरपुरी में ही बीजेपी शासित दिल्ली नगर निगम ने 'अवैध निर्माण' के ख़िलाफ़ 'अतिक्रमण हटाओ अभियान' चलाया. इस 'अभियान' में बुलडोज़र का इस्तेमाल किया गया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ये कार्रवाई रोक दी गई.

इससे पहले भी बीजेपी शासित मध्य प्रदेश में सांप्रदायिक झड़प हुई थी और यहाँ भी प्रशासन ने बिना दोषी साबित हुए अभियुक्तों के घरों पर बुलडोज़र चलाया था. यूपी में भी 'अपराधियों' के घरों पर बुलडोज़र चलाने के मामले ख़बरों में सामने आते रहे हैं.

बोरिस जॉनसन ने अपने दौरे के दौरान, गुजरात में वडोदरा के पास हलोल इंडस्ट्रियल इलाक़े में एक जेसीबी फैक्ट्री का उद्घाटन किया था. जहां उन्होंने जेसीबी पर चढ़ कर तस्वीर खिंचवाई.

इससे पहले लेबर पार्टी की सांसद नाज़ शाह ने भी ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के भारत दौरे को लेकर कई सवाल पूछे हैं.

नाज़ शाह ने ट्वीट कर कहा है, "भारत दौरे पर गए बोरिस जॉनसन के लिए मेरा संदेश है कि हमारे मुल्क की विदेश नीति केवल व्यापार और अंतरराष्ट्रीयवाद पर आधारित नहीं होनी चाहिए बल्कि मानाधिकार भी अहम है."

"मेरा अनुरोध है कि ब्रिटिश सरकार पीएम मोदी के सामने इस्लामोफ़ोबिया का मुद्दा भी उठाए. ब्रिटिश सरकार दुनिया भर में मानवाधिकारों की वकालत करती है, ऐसे में भारत में मुसलमानों के ख़िलाफ़ बढ़ती नफ़रत पर चुप नहीं रह सकती है."

भारत में भी उठे थे सवाल
जेसीबी के जिस नए प्लांट का ब्रिटिश पीएम ने उद्घाटन किया वह ब्रिटेन की ही कंपनी जोसेफ़ सिरील बैमफ़र्ड एक्स्कवेटर लिमिटेड है. भारत के राजनीतिक टिप्पणीकारों ने भी बोरिस जॉनसन के जेसीबी फैक्ट्री के उद्घाटन पर सवाल खड़े किए थे.

लोगों ने कहा कि जिस जेसीबी प्लांट का ब्रिटिश पीएम उद्घाटन कर रहे हैं, उसी से दिल्ली के जहाँगीरपुरी में मुसलमानों की संपत्तियों को निशाना बनाया गया.

सोशल मीडिया पर लोगों ने जेसीबी की तोड़फोड़ की तस्वीरें पोस्ट की हैं और उसमें कंपनी के लोगो को प्रमुखता से चिह्नित किया गया है. बुलडोज़र की तोड़फोड़ के साथ लोगों के रोते चेहरे भी इन तस्वीरो में हैं.

हार्डन्यूज़ मैगज़ीन के संपादक संजय कपूर ने ट्वीट कर लिखा है, "ग़ज़ब की विडंबना है! ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन हलोल में बुलडोज़र बनाने के प्लांट का उद्घाटन करेंगे जबकि सुप्रीम कोर्ट प्रशासन की ओर से बुलडोज़र के इस्तेमाल पर संवैधानिक हदों का संज्ञान ले रहा है."

पत्रकार दानिश ख़ान ने लिखा है, "दिल्ली में इस तरह की कई तस्वीरें सामने आ रही हैं. दिलचस्प है कि इन्हीं तस्वीरों के बीच ब्रिटिश पीएम गुजरात में जेसीबी प्लांट का उद्घाटन करेंगे."

एमनेस्टी इंडिया ने अपने ट्वीट में कहा है, "एक ओर उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहाँगीरपुरी में मुसलमानों के घर और दुकान जेसीबी बुलडोज़र से तोड़े गए तो दूसरी तरफ़ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने गुजरात में एक जेसीबी फैक्ट्री का उद्घाटन किया. यह ने केवल उपेक्षा है बल्कि एक अहम घटना पर उनकी चुप्पी भी है."

एमनेस्टी ने कहा है, "भारतीय प्रशासन हर दिन मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है. ब्रिटेन की सरकार को तमाशबीन नहीं बने रहना चाहिए. ब्रिटिश पीएम को भारत में मानवाधिकारों पर भी बात करनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद तोड़फोड़ जारी रही. यहाँ तक कि जहाँगीरपुरी में लोगों को अपनी संपत्तियां हटाने का भी समय नहीं दिया गया. यह जीविका के अधिकार पर हमला है."

ब्रॉउन यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहे भानू जोशी ने दिल्ली में तोड़फोड़ के लिए अवैध निर्माण के तर्क को ख़ारिज करते हुए लिखा है, "दिल्ली में अनाधिकृत क्या है? दिल्ली सरकार के डेटा के अनुसार, केवल 23 फ़ीसदी ही सुनियोजित कॉलोनी हैं. 77 फ़ीसदी अनाधिकृत हैं. क्या बाक़ी के दो नगर निगम 75 फ़ीसदी पर भी बुलडोज़र चलाएंगे?"

बोरिस जॉनसन ने क्या कहा?
बोरिस जॉनसन ने गुजरात दौरे पर ब्रिटेन की मीडिया से बातचीत में कहा था कि वह पीएम मोदी के सामने प्रेस पर पाबंदी, अप्लसंख्यकों की सुरक्षा मुख्य रूप से मुसलमानों के घरों को बुलडोज़र से नष्ट करने का मुद्दा उठाएंगे.

ब्रिटिश पीएम ने कहा, "हमने हमेशा मुश्किल मुद्दे उठाए हैं और ज़ाहिर है हम ऐसा करते हैं लेकिन यह तथ्य है कि भारत 1.35 अरब लोगों का देश है और यह लोकतांत्रिक है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है."

बोरिस जॉनसन के प्रवक्ता ने बुलडोज़र के इस्तेमाल को लेकर उठ रहे सवालों पर कहा है, "यह भारत पर निर्भर करता है कि वह किस उपकरण का इस्तेमाल कैसे करता है."

हिंदू राष्ट्रवाद पर बोरिस जॉनसन ने क्या कहा था
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय मुलाक़ात के बाद एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस की गई और इस दौरान जॉनसन से 'भारत में बढ़ते हिंदू राष्ट्रवाद और मानवाधिकारों के उल्लंघन' से जुड़ा सवाल पूछा गया जिस पर उन्होंने कहा कि भारत एक महान लोकतंत्र है और यहां लोगों के पास संवैधानिक सुरक्षा है.

उन्होंने कहा, ''हम मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों के सवालों पर बेशक बातचीत करते हैं, हमारी दोस्ती का फ़ायदा यह है कि हम ये बातें कर सकते हैं, और हम इस मुद्दे पर बात एक दोस्ताना और निजी तरीके से करते हैं.''

"यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि भारत में सभी समुदायों के लिए संवैधानिक सुरक्षा है, भारत दुनियाभर के कई देशों में चलने वाले निरंकुशता के शासन से बहुत अलग है. भारत यह एक महान लोकतंत्र है, लगभग 1.35 अरब लोग इस लोकतंत्र में रहते हैं और हमें इसका जश्न मनाना चाहिए." (bbc.com)


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