अंतरराष्ट्रीय

कज़ाक राष्ट्रपति के अनुरोध पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच रूस की सेना कज़ाखस्तान पहुंच गई है.
कई दिनों के विरोध प्रदर्शन के बाद देश के सबसे बड़े शहर अलमत में मशीन गन की आवाजें सुनाई दीं. अधिकारियों ने पुलिस और विरोध प्रदर्शनकारियों की मौत की पुष्टि की है.
अधिकारियों का कहना है कि प्रदर्शनों के दौरान करीब 18 सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई है. मशीन गन की फ़ायरिंग में दर्जनों प्रदर्शनकारी भी मारे गए हैं.
कज़ाख़स्तान में तेल की क़ीमतों में बढ़ोतरी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे लेकिन बाद में प्रदर्शनकारियों ने कई राजनीतिक मुद्दे भी इसमें शामिल कर लिए.
राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट तोकायेव ने इसके लिए विदेशों में प्रशिक्षित “आतंकवादी गिरोहों” को ज़िम्मेदार ठहराया है. हालांकि, उन्होंने इसके लिए कोई सबूत नहीं दिए हैं.
बुधवार को एक सरकारी न्यूज़ चैनल पर दिए इंटरव्यू में राष्ट्रपति ने देश की बिगड़ती स्थिति के बीच सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) से समर्थन मांगा था. सीएसटीओ रूस और छह पूर्व सोवियत संघ के राज्यों का एक सैन्य गठबंधन है.
रूसी आरआईए न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक कज़ाख़स्तान की मदद के लिए भेजी गई सेना में कथित तौर पर 2500 सैनिक हैं. सीएसटीओ का कहना है कि ये शांति सेना है और देश व उसके सैन्य ठिकानों की सुरक्षा करेगी. ये सेना कई दिनों या हफ़्तों तक देश में रुकेगी.
उधर अमेरिका ने कहा है कि वो कज़ाख़्स्तान के हालात पर नज़र रख रहा है और वो सरकार से प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ बल प्रयोग ने करने की अपील करता है. (bbc.com)