गरियाबंद

वट सावित्री की पूजा-अर्चना
10-Jun-2021 5:48 PM
वट सावित्री की पूजा-अर्चना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबन्द, 10 जून।
बुधवार को नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र की विवाहित महिलाएं वट सावित्री व्रत  रख वट वृक्ष की पूजा कर पति की लम्बी उम्र की कामना करते हुए वट सावित्री व्रत रख कथा का श्रवण किया।
श्यामकली तिवारी ने व्रत का महत्व बताया कि देवी सती सावित्री अपने पति के प्राण को यमराज से वापस लेकर आने वाली भारतीय संस्कृति में संकल्प व साहस का प्रतीक हैं।

सती सावित्री की पौराणिक कथा भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रही है। सावित्री के दृढ़ संकल्प का ही उत्सव है वट सावित्री व्रत। इस व्रत की उत्तर भारत में बहुत मान्यता है, इस दिन बरगद के वृक्ष की पूजा कर महिलाएं देवी सावित्री के त्याग, पतिप्रेम एवं पतिव्रत धर्म की कथा का स्मरण करती हैं। 

ऐसी मान्यता है कि वट वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा, तने में भगवान विष्णु एवं डालियों में त्रिनेत्रधारी शंकर का निवास होता है एवं इस पेड़ में बहुत सारी शाखाएं नीचे की तरफ लटकी हुई होती हैं जिन्हें देवी सावित्री का रूप माना जाता है। इसलिए इस वृक्ष की पूजा से सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं।
 


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