गरियाबंद

मंदिर का शताब्दी महोत्सव ना भूतों ना भविष्यति- ब्रह्मदत्त शास्त्री
05-Dec-2025 3:42 PM
मंदिर का शताब्दी महोत्सव ना भूतों ना भविष्यति- ब्रह्मदत्त शास्त्री

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

नवापारा राजिम, 5 दिसंबर। श्री रेखराज चतर्भुज अग्रवाल परिवार द्वारा नगर को समर्पित श्री राधाकृष्ण मन्दिर के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में पिछले 1 महीने से चल रहा उत्सव जब समाप्त हुआ।

न केवल नगर बल्कि अंचल के सभी लोग बोल पड़े अद्भुत, अभूतपूर्व, अकल्पनीयऔर सचमुच ही यह अलौकिक आयोजन ऐसा ही था, इसका बखान करते हुए सामाजिक सरोकारों से जुड़े पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री ने मन्दिर के ट्रस्टी अग्रवाल परिवार को साधुवाद देते हुए और उनकी भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि इस विराट महोत्सव का समग्रआयोजन निर्विघ्न और सानंद सम्पन्न होना यह दर्शाता है कि इस देव कार्य में सृष्टि स्नेह वर्षा कर रही थी, इनके पूर्वजों का पुण्य प्रताप आशीषों की वर्षा कर रहा था, विघ्न विनाशक मंगलमूर्ति गणेश जी व हनुमंत लाल जी मानों स्वयं सारे सूत्र संचालन कर रहे थे। 3 नवम्बर से शुरू हुए नगर भोज की शुरुआत ही शुभकारी रही जब पूरा अग्रवाल परिवार एक कतार में खड़ा होकर आगंतुकों की अगवानी स्नेह सद्भाव से भरकर पूरे सम्मान और विनम्रता से हाथ जोडक़र करने लगा। इस सेवाभाव के आगे पूरा नगर नतमस्तक हो गया और जब तीन दिनों के धार्मिक अनुष्ठान के शुभारंभ में विशाल कलश यात्रा नगर भ्रमण पर निकली तो हर समाज अग्रवाल परिवार का स्वागत करने पलक पावड़े बिछाकर खड़ा हो गया।

 सनातन संस्कृति का प्रतीक विराट विष्णु यज्ञ अनुष्ठान शुरू हुआ, आहुतियां पडऩे लगी तो सकारात्मक ऊर्जा और नवचेतना का संचार होने लगा, गूंजते मंत्रोच्चारण और शंख वे घंटियों के स्वर ऐसा दिव्य वातावरण निर्मित कर रहे थे मानों सतयुग आ गया हो और देवता दुंदुभी बजाकर पुष्प वर्षा कर रहे हो पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री कहते हैं कि जो भी इस आयोजन से जुड़े, श्रीराधा कृष्ण युगल सरकार के दर्शन किए वह बरबस ही कह उठा किया कि हमें अद्भुत आनन्द और सौभाग्य की अनुभूति हुई।


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