गरियाबंद

राजिम कुंभ कल्प के स्थानीय मंच पर बिखर रही छत्तीसगढ़ी लोककला की महक
25-Feb-2025 2:44 PM
राजिम कुंभ कल्प के स्थानीय मंच पर बिखर रही छत्तीसगढ़ी लोककला की महक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजिम, 25 फरवरी।। राजिम कुंभ कल्प के सांस्कृतिक मंच क्र 2 में स्थानीय कलाकारों द्वारा छत्तीसगढ़ी लोककला की महक प्रतिदिन बिखर रही है। मेला घूमने आए मेलार्थीयों को भी इस मंच में भरपूर मनोरंजन मिल रहा है। कार्यक्रम की कड़ी में दोपहर 12 बजे से द्रोपती बाई निषाद की टीम ने अपने सुमधुर गीतों से भक्तिमय माहौल बना दिया। तोर दरस लगे हो माता..., नौ दिन के नवरात्र..., माई के मेला लगे हैं ना..., नई जानव मां तोरे सेवा ला... जैसे सुंदर भक्तिमय प्रस्तुति दी। शकुन साहू की टीम ने छत्तीसगढ़ी सुवा नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया। रामेश्वर साहू की टीम में कक्षा 6वीं में अध्ययनरत ग्राम बकली से बिटिया आराध्या साहू के द्वारा बालकला पंडवानी में महाभारत पांडव की वनवास कथा का प्रसंग बताया। जिसे दर्शकों ने बहुत ही सराहा। टीकम पटेल की टीम मुंगासेर झलप के निवासी लोक कला मंच की प्रस्तुति दी। जिसमें मोरो बर मया बरसाना..., बामन चिरैया..., छम-छम बाजे पांव... जैसे गानों ने खूब आनंदित किया। रामकुमार साहू की टीम में बालिकाओं के द्वारा वादन किया गया।

गरियाबंद क्षेत्र से नवल राम नेताम की टीम ने आदिवासी कमार नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों से खूब तालियां बटोरी। रामदास कुर्रे की लोककला कला मंच ने सुमधुर गीतों से दर्शकों को बांधे रखा। शिल्पा सिंग-मॉ कत्यानी की टीम ने कत्थक नृत्य की प्रस्तुति दी । इनके मुखड़े के हाव-भाव से आलौकिक प्रस्तुति देख दर्शक आश्चर्य चकित हो गए। संजना तिवारी की टीम ने सुमधुर गीतों से मनमोहक प्रस्तुति दी। मुकुंद यादव की टीम ने शौर्य पूर्ण अखाडा का प्रदर्शन किया। कोसरिया एवं गोविन्द साहू की टीम ने अपनी प्रतिभा से लोक कलामंच में छत्तीसगढ गीतों की प्रस्तुति दी। कलाकारों का सम्मान स्मृति चिन्ह, गुलदस्ता भेंट कर और राजकीय गमछे ओढक़र सम्मानित किया। कार्यक्रम के समन्वयन पुरूषोत्तम चंद्राकर एवं संचालन निरंजन साहू, मनोज सेन, दुर्गेश तिवारी, किशोर निर्मलकर ने शानदार तरीके से किया।


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