गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा राजिम, 30 जनवरी। तीर्थराज प्रयाग में 144 साल बाद लगने वाले महाकुंभ में छग सरकार ने महाकुंभ में पहुंचने वाले छत्तीसगढ़ के लोगों के रहने, ठहरने और खाने पीने की बड़ी अच्छी व्यवस्था की है, सभी लोगों के लिए रात्रि विश्राम के लिए आरामदेह पलंग, गद्दे, रजाई सभी सुख सुविधाएं हैं और सबसे अच्छी बात यह है कि सबकुछ नि:शुल्क है, अपना आधार कार्ड दिखाकर आप सहज प्रवेश पा सकते हैं। पेयजल, नहाने धोने और दैनिक निवृत्ति के लिए अच्छे इंतजाम किए गए हैं। अब तक प्रदेश से लाखों लोग वहां पहुंच चुके हैं और सभी इस सुविधा का लाभ उठाकर बड़े प्रसन्न और तृप्त होकर छत्तीसगढ़ शासन प्रशासन को साधुवाद दे रहे हैं।
ब्रह्मदत्त शास्त्री ने गदगद कंठ से कहा कि धन्य है भारतवर्ष और यहां की सनातन श्रद्धा और आस्था , इन व्यवस्थाओं का विश्लेषण करने वाले विद्वानों का कहना है कि यह विश्व का सबसे बड़ा जन समागम है, अभी तक लगभग 20 करोड़ लोग आकर संगम में स्नान कर चुके हैं और आने वाली महाशिवरात्रि तक संख्या 40 करोड़ तक होने का अनुमान है।
शास्त्री जी ने बताया कि कुंभ में स्वर्ग से सभी देवता आ जाते हैं, सारे तीर्थ आ जाते हैं इसलिए इसकी दिव्यता और भव्यता बढ़ जाती है, इस लिए सारे साधु संत, मठ महंत यहां आते है, तीर्थ यात्री पहुंच जाते हैं , इस देव भूमि में संगम में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालु गण अयोध्या भी जा रहे हैं राम लला के दर्शन करने और काशी जी भी जा रहे हैं, बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने, हमने भी ऐसा ही किया और अयोध्या , काशी गए ।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के मनमोहक मंडप में एक भव्य रंगमंच भी बनाया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ के लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से सभी का मनोरंजन कर रहे हैं। अभी रविवार को ही नगर से लोक प्रयाग नाम की सुप्रसिद्ध संस्था प्रयागराज पहुंची है, इसके संचालक पंचू राजेश साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ के जनसंपर्क एवं राजभाषा आयोग के आदेशानुसार हम लोग अपनी टीम के साथ आगामी 7 दिनों तक छत्तीसगढ़ की लोक कलाओं की प्रस्तुति देंगे।
संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग के अधिकारी 12 से 26 फरवरी तक होने वाले राजिम कुंभ में पधारने के लिए साधु संतों को आमंत्रित कर रहे हैं। इस तरह से छत्तीसगढ़ शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को भी मंडप की दीवारों पर रेखांकित किया गया है। मंडप में आगंतुकों का समुचित सम्मान किया जा रहा है। सचमुच छत्तीसगढ़ का यह अभिनव प्रयास वंदनीय है, प्रशंसनीय है।