गरियाबंद

खरीदी में गड़बड़ी, धान जब्त
17-Jan-2025 9:15 PM
खरीदी में गड़बड़ी, धान जब्त

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

मैनपुर, 17 जनवरी। जिले में चल रहे धान खरीदी अभियान के तहत सहकारी समितियों और खरीदी केंद्रों का गहन निरीक्षण किया जा रहा है। मुडगेल माल सहकारी समिति में निरीक्षण के दौरान कई खामियां सामने आईं। स्टैकिंग सही न होना और स्टॉकिंग बोर्ड की अनुपस्थिति के कारण भौतिक सत्यापन नहीं हो सका था। जिसके चलते तहसीलदार मैनपुर गेंदुराम साहू ने नाराजगी व्यक्त की थी और जल्द स्टेकिंग सुधारने के निर्देश दिए थे।

 एएफओ कुसुम लता के निरीक्षण के दौरान धान बेचने आए हुए दाबरीगुड़ा के किसान श्रीधर के बातों पर शक जाहिर करते हुए अधिकारी ने उसके घर का निरीक्षण किया तो 50 क्विंटल अनाधिकृत धान का स्टॉक मिला, जिसे तुरंत रकबा समर्पित करवाया गया। जिसके चलते वो किसान उक्त धान को बेच नहीं पाएगा व उसका खाली पड़े रकबा में और कोई धान को नहीं बेच पाएगा।

 इसी प्रकार तीन अन्य किसानों से 17 क्विंटल 18 किलो धान का रकबा भी समर्पित करबाया गया। और कहा गया कि आने वाले दिनों में इसी तरह सभी धान खरीदी केंद्र में निरीक्षण कर किसानों का रकबा समर्पण किया जाएगा । जिसके चलते , दलालों पर अंकुश लगाया जा सकता हैं ।

झरगांव समिति बना आदर्श केंद्र

झर गांव सहकारी समिति की व्यवस्थाओं को संतोषजनक पाया गया। तहसीलदार सुशील कुमार भोई ने समिति के काम की सराहना की। हालांकि बारिश के कारण कुछ बोरियों में अंकुरण की समस्या दिखी, जिसे तत्काल ठीक करने के निर्देश दिए गए।

सीमावर्ती क्षेत्रों में सख्ती

धान तस्करी पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन ने सीमावर्ती इलाकों में चौकसी बढ़ा दी है। ओडिशा से धान लाकर स्थानीय मंडियों में बेचने की घटनाओं को रोकने के लिए विशेष टीमें तैनात हैं। औचक निरीक्षण और सख्त निगरानी के जरिए गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई जारी है।

बोनस हड़पने के खेल पर शिकंजा

धान तस्कर और दलालों के द्वारा ,किसान का पट्टा को अपने पास रख कर , सहकारी समितियों के मिलीभगत से किसानों के रकबे का दुरुपयोग कर अनाधिकृत धान बेच रहे हैं। क्षेत्र में किसानों का 15 क्विंटल से ज्यादा धान का उपज नहीं हो पाता है ,लेकिन सरकार  21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी करने के कारण , दलाल , भोले भाले किसानों को अपनी झांसे में ले आते हैं और उनकी रकबा में ओडिशा से लाए हुए धान को मंडियों में बेच देते हैं।

 प्रशासन का कहना है कि किसानों के नाम पर सरकार से मिलने वाला बोनस भी दलालों की मिलीभगत से हड़प लिया जा रहा है।  तगड़ा सेटिंग के कारण दलालों का धान भी आसानी से बिक जाता है व सहकारी बैंक से पैसा भी आसानी से मिल जाता है । जबकि आम किसान को अपना पैसा बैंक से निकालने के लिए चार बार बैंक का चक्कर काटना पड़ता है । कभी कैश का कमी व कभी लिंक फेल जैसी घटनाओं का भी सामना कर, निराश घर लौटना पड़ता है।

किसानों को जबकि एक दिन में सिर्फ 49000 रुपए ही मिल पाता है तो वही दलालों को एक साथ लाखों रुपए मिलने को लेकर किसानों में हमेशा चर्चाएं लगे रहते हैं ।

गुणवत्ता मानकों पर ध्यान

एएफओ कुसुम लता ने बताया कि धान की गुणवत्ता जांच को प्राथमिकता दी जा रही है। गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरने वाले मिक्स धान को लौटाया जा रहा है। इससे फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी और सरकारी राजस्व की सुरक्षा होगी।

कलेक्टर की चेतावनी

कलेक्टर ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि धान खरीदी प्रक्रिया में अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सुधार कार्यों में देरी करने वाले केंद्रों और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

प्रशासन की अपील

प्रशासन ने किसानों और सहकारी समितियों से अपील की है कि वे खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने में सहयोग करें। सख्त कदमों से किसानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य मिलेगा और सरकारी धन की हानि रुकेगी।


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