गरियाबंद

सच्चाई को पहचान कर भ्रमों से मुक्ति पाएँ-माता सुदीक्षा महाराज
26-Nov-2024 2:33 PM
सच्चाई को पहचान कर भ्रमों से मुक्ति पाएँ-माता सुदीक्षा महाराज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

नवापारा-राजिम, 26 नवंबर। संसार में हम जो कुछ भी इन आँखों से देखते हैं अथवा अनुभव करते  हैं वो सभी परिवर्तनशील हैं इनमें से किसी भी शै को शाश्वत सच्चाई नहीं कहा जा सकता। वास्तविक सच्चाई तो ये ईश्वर निरंकार है जो कण कण मं विद्यमान है जिसमें काल का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इस निरंतर एकरस रहने वाली सच्चाई को अपनाने से निसंदेह हम भ्रमों से मुक्ति पा सकते हैं। समालखा हरियाणा में आयोजित तीन दिवसीय निरंकारी संत समागम के पावन अवसर पर सतगुरु माता सुदीक्षा जी ने लाखों की संख्या में उपस्थित हुए श्रद्धालुओं को अमृतमय वचनों से अनुग्रहित किया।

सतगुरु माता जी ने कहा कि हम अक्सर अपनी आदतों और विचारों तक सीमित रहते हैं, अपनी आदतों और कमजोरियों को पहचान कर उन्हें दूर करना विस्तार का रूप है। यदि हमारी सोच में हम दूसरों के लाभ को सम्मिलित कर लेते हैं तो ये सच्चे विस्तार का प्रतीक होगी।

भक्ति साधन के साथ ही साध्य भी है। ब्रामहज्ञान द्वारा मनुष्य की  सोच का विस्तार होता है,उसके बाद मानव की सोच सकारात्मक होती है। प्रेम दया करुणा के भाव का हृदया में जनम होता है फिर मनुष्य की सोच का विस्तार असीम की ओर होता है।

निरंकारी मिशन का 77वां वार्षिक संत समागम निरंकारी आध्यात्मिक स्थल हरियाणा में सम्पन्न हुआ, जिसमें सम्पूर्ण भारतवर्ष के भक्तों एवं विश्व के अनेक देशों से आए श्रद्धालुओं ने अपने सतगुरु के दर्शन किए और उनके श्रीमुख से निकले पावन उपदेशों का लाभ लिया।


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