गरियाबंद

भडक़े पूर्व विधायक अमितेश शुक्ल, कहा- जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रही प्रशासन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 1 सितंबर। जिले के छुरा नगर में स्थित छत्तीसगढ़ संकल्प हॉस्पिटल में बीते दिनों एक आदिवासी गर्भवती हल्का बुखार का इलाज कराने गई थी। आरोप है कि डाक्टरों के द्वारा इलाज में लापरवाही बरती गई । रात में दर्द उठा तो वापस हॉस्पिटल गईं। यहां पता चला कि महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा मर चुका है। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।
इधर, मामले की सूचना मिलने पर पूर्व विधायक अमितेष शुक्ल शनिवार को पीडि़त परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे। महिला ने आपबीती सुनाई। इसके बाद शुक्ल ने गरियाबंद कलेक्टर दीपक अग्रवाल को कॉल किया। उनसे दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही।
शुक्ल ने कहा, छत्तीसगढ़ संकल्प हॉस्पिटल छुरा के डॉक्टरों की लापरवाही के चलते आदिवासी महिला के गर्भ में पल रहे शिशु की मौत हो गई। यह दुखद घटना है। न्याय के लिए परिजन दर-दर भटक रहे हैं। घटना को हफ्तेभर से ज्यादा बीत चुके हैं। फिर भी शासन-प्रशासन मौन है। हॉस्पिटल और दोषियों पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई है। दोषियों को बचाने के लिए जांच समिति के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। आगे कहा कि छुरा के इस हॉस्पिटल में पहले भी ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं, फिर प्रशासन मौन क्यों है? भाजपा शासन में कानून व्यवस्था इतनी चरमरा गई है कि डॉक्टर की लापरवाही से आदिवासी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे की मृत्यु हो जाती है। मामले की कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत होती है पर कार्रवाई नहीं होती। क्या यही विष्णु का सुशासन है?
राजिम के पूर्व विधायक अमितेष शुक्ल का कहना है कि महिला जब चेकअप के लिए गई तो वहां कोई शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं था। गर्भ में मल रहे बच्चे के बारे में सोचे-समझे बिना महिला को इंजेक्शन लगा दिया गया। इस लापरवाही पर कार्रवाई क्यों नहीं? पीडि़त परिजनों को जल्द न्याय नहीं मिला तो प्रदर्शन करेंगे।