गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 15 जुलाई। मानसून के मौसम में ज्यादातर लोग ऐसे पहाड़ी जगहों पर जाना ज्यादा पसंद करते है जहां कल-कल करते झरने सुकून के पल देते है। ऐसे में मानसून लगते ही गरियाबंद जिले के जलप्रपात बरबस ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है। जिस पल का इंतजार हर पर्यटक पूरे साल करता है। मानसून के दौरान जलप्रपातों का नजारा अलौकिक होता है, जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाती है।
जलप्रपात पर्यटकों को करती है आकर्षित
वैसे तो प्रदेश में प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। पर्यटन की दृष्टिकोण से छत्तीसगढ़ में 100 से अधिक स्थानों को पर्यटन स्थल के रूप में चिन्हांकित किया गया है। इन्हीं पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों में से गरियाबंद जिले के सुप्रसिद्ध जतमई-घटारानी और झरझरा जलप्रपात पर्यटकों को सबसे ज्यादा अधिक आकर्षित करती है। ये झरना छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 85 कि.मी. दूर स्थित है। यह तीनों जगह एक दूसरे से लगभग 10 किमी की दूरी पर स्थित है और चारों तरफ पहाड़ो से घिरा हुआ है। वहीं गरियाबंद राजिम रोड पर स्थित चिंगरा पगार जलप्रपात में भी झरना प्रारंभ हो गया है।
कैबिनेट मंत्री ने किया माता के दर्शन
रविवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, राजिम विधायक रोहित साहू, अभनपुर विधायक इंद्र कुमार साहू घटारानी पहुंचकर माता के दर्शन कर प्रदेश एवं क्षेत्र के खुशहाली की कामना की। इस दौरान बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे। मंत्री एवं विधायक द्वय ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ घटारानी और जतमई पहुंचकर प्राकृतिक झरने का भी खूब आनंद लिया।
बारिश के बाद दिखने लगी झरने की सुंदरता
ज्ञात हो कि शुक्रवार शाम से हो रही बारिश के कारण गरियाबंद जिले के नदी-नाले ऊफान पर है। वहीं जलप्रपात में भी पानी बढऩे से इसकी सुंदरता बढ़ गई है। घटारानी, झरझरा और जतमई वॉटरफॉल का मनोरम दृश्य अत्यंत मनोहारी और लुभावना हो गया है। बरसात के इस सीजन में यहां के प्राकृतिक झरने बरबस अपनी ओर खींचती है। इस झरने में नहाने और उछल कूद करने का अपना अलग ही तरह का मजा है।